भारत-चीन खूनी संघर्ष से चिंतित हुआ UN, दोनों पक्षों से अधिकतम संयम रखने का आग्रह
UN प्रमुख ने भारत और चीन के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा पर हिंसा और मौत की खबरों पर चिंता व्यक्त की है। संगठन ने दोनों पक्षों से अधिकतम संयम रखने का आग्रह किया है।
संयुक्त राष्ट्र, एजेंसी। संयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंटोनियो गुटेरेस ने भारत और चीन के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा पर हिंसा और मौत की खबरों पर चिंता व्यक्त की है। संगठन ने दोनों पक्षों से अधिकतम संयम रखने का आग्रह किया है। संयुक्त राष्ट्र के प्रवक्ता ने मंगलवार को कहा कि पूर्वी लद्दाख की गलवन घाटी में चीनी सैनिकों के साथ हुई हिंसक झड़प में कुल 20 भारतीय सैनिक मारे गए थे।संयुक्त राष्ट्र महासचिव के एसोसिएट प्रवक्ता एरी कानेको LAC में तनाव के बीच लद्दाख की गलवन घाटी में एक हिंसक हमले में भारतीय सेना के जवानों की मौत पर एक सवाल का जवाब दे रहे थे। उन्होंने कहा कि हम भारत और चीन के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर हिंसा और मौतों की रिपोर्ट के बारे में चिंतित हैं।
अमेरिकी राष्ट्रपति ने की थी मध्यस्थता की पेशकश
उधर, पूर्वी लद्दाख में भारतीय और चीनी सेना के मध्य खूनी संघर्ष के बीच अमेरिका ने कहा है कि हम उम्मीद करते हैं कि दोनों देश अपने मतभेदों को शांतिपूर्ण तरीके से सुलझा लेंगे। अमेरिका ने कहा वह दोनों देशों की स्थितियों पर उसकी पैनी नजर है। गौरतलब है कि 2 जून को भारत-चीन की लद्दाख सीमा पर तनातनी के बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की फोन पर वार्ता हुई थी। इसमें अमेरिकी राष्ट्रपति ने दोनों देशों के बीच अमेरिकी मध्यस्थता की पेशकश की थी। हालांकि, उस वक्त दोनों देशों के बीच हिंसक झड़पें नहीं हुई थी। दोनों देशों की सेना के बीच तनातनी का माहौल था। उस वक्त अमेरिका ने कहा था कि चीन के मंसूबे अच्छे नहीं है चीन अनायास सीमा पर तनाव बढ़ा रहा है।
पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखापर खूनी संघर्ष
बता दें कि पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर अतिक्रमण को लेकर भारत और चीन की सेनाओं के बीच जारी तनातनी ने सोमवार की रात गंभीर रूप अखित्यार कर लिया। दोनों देशों की सेनाओं के बीच हिंसक झड़पों में भारतीय सेना के एक कर्नल एवं 20 सैन्यकर्मी शहीद हुए हैं। यह भी कहा जा रहा है कि शहीद भारतीय सैनिकों की संख्या में इजाफा हो सकता है। उधर, भारतीय सेना ने जवाबी हमले में चीन के भी 43 सैनिकों को मौत के घाट उतार दिया है। इस खूनी संघर्ष की खास बात यह है कि दोनों ओर से एक भी गोली नहीं चली।