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कोरोना संक्रमण के कारण मौत का आंकड़ा 40 लाख के पार, चिंतित संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने दिया वैश्विक टीकाकरण पर जोर

दुनिया में कोरोना संक्रमण के कारण मौतों का आंकड़ा 40 लाख के पार चला गया है। इसपर संंयुक्त राष्ट्र और विश्व स्वास्थ्य संगठन ने चिंता जाहिर की है। UN ने जहां वैश्विक वैक्सीनेशन पर जोर दिया वहीं WHO ने पाबंदियों में ढील देने वाले देशों को जमकर डांट लगाई

By Monika MinalEdited By: Published: Thu, 08 Jul 2021 12:20 PM (IST)Updated: Thu, 08 Jul 2021 12:20 PM (IST)
कोरोना संक्रमण के कारण मौत का आंकड़ा 40 लाख के पार, चिंतित संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने दिया वैश्विक टीकाकरण पर जोर
संयुक्त राष्ट्र प्रमुख ने दिया वैश्विक टीकाकरण पर जोर

 न्यूयार्क, एएनआइ। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुतेरस (Antonio Guterres) ने बुधवार को वैश्विक वैक्सीनेशन प्लान पर जोर दिया। दुनिया भर में कोरोना संक्रमण से होने वाली मौतों का आंकड़ा 40 लाख के पार जाने पर चिंता व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा, 'दुनिया  आज कोविड-19 महामारी के कारण एक और दुखद आंकड़े पर पहुंच गई। 40 लाख जिंदगियां वायरस के कारण खत्म हो गई। पृथ्वी पर तीन देशों में से एक की जनसंख्या से अधिक मौतें हुई हैं।' 

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उन्होंने कोरोना वैक्सीन को उम्मीद की किरण बताते हुए कहा कि अब भी कई देश इससे महरूम हैं। वैक्सीन वितरण को वायरस पछाड़ रहा है। उन्होंने चेतावनी दी और कहा, 'महामारी दूर होने में अभी लंबा वक्त लगेगा। इस साल आधे से अधिक संक्रमितों की जान चली गई।  यह जितना अधिक फैलेगा उतने अधिक इसके वैरिएंट की उत्पत्ति होगी जो अधिक घातक होते जाएंगे और वैक्सीन भी इनपर कारगर नहीं होगा।' दूसरी ओर मौतों का आंकड़ा देखते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी चिंता व्यक्त की है। संगठन ने उन देशों को कड़ी फटकार लगाई जहां पाबंदियों में ढील दी गई है। बता दें कि अनेकों एशियाई देशों में कोरोना मामलों में फिर से बढ़त दर्ज की जा रही है। इंडोनेशिया में मौतों के आंकड़ों में 10 प्रतिशत का इजाफा हुआ है। 

अफ्रीका और दुनिया के बेहद गरीब देशों में वैक्सीनेशन अभियान बमुश्किल ही शुरू हुए हैं और टीकों की अत्यधिक कमी से जूझ रहे हैं। अमेरिका और अन्य अमीर देशों ने संघर्ष कर रहे देशों को कम से कम एक अरब वैक्सीन देने पर सहमति जताई है।

अमेरिका की जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के अनुसार डेढ़ साल में हुई मौतों का यह आंकड़ा पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट ओसलो के अनुमान के मुताबिक 1982 के बाद दुनिया में जितने युद्ध हुए हैं उनमें मारे गए लोगों के लगभग बराबर है। यह संख्या हर साल दुनिया भर में सड़क दुर्घटनाओं में मारे जाने वाले लोगों से तीन गुना ज्यादा है। यह लॉस एंजिलिस या जॉर्जिया की आबादी के बराबर है। यह संख्या हांगकांग की आधी आबादी से ज्यादा या न्यूयॉर्क सिटी की लगभग 50 फीसद जनसंख्या जितना है।


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