कोविड-19 वैक्सीन है 'People's Vaccine', सभी को है इसकी जरूरत: UN महासचिव
दुनिया पर कोविड-19 के प्रकोप को देखते हुए संयुक्त राष्ट्र के महासचिव ने कहा कि इससे बचाव के लिए विकसित की गई वैक्सीन सबके लिए जरूरी है। उन्होंने इसे पीपुल्स वैक्सीन बताते हुए कहा कि हमें वैक्सीन को वैश्विक आवश्यकता के तौर पर देखना चाहिए।
संयुक्त राष्ट्र, प्रेट्र। संयुक्त राष्ट्र (Antonio Guterres) के महासचिव एंटोनियो गुतेरस (Antonio Guterres) ने कोविड-19 वैक्सीन दुनिया के हर इंसान तक पहुंचने की बात कही। उन्होंने अपने ट्विटर हैंडल पर वीडियो संदेश शेयर किया। इसमें उन्होंने कहा, 'सभी देशों को कोविड-19 वैक्सीन (COVID-19 Vaccine) की जरूरत है ताकि फ्रंटलाइन वर्करों व हेल्थकेयर समुदाय को सुरक्षित किया जा सके। हमें वैक्सीन को वैश्विक आवश्यकता के तौर पर देखना चाहिए।' उन्होंने वैक्सीन के लिए 'पीपुल्स वैक्सीन (People's Vaccine)' शब्द का इस्तेेेेेमाल किया और कहा कि यह हर किसी के लिए संभव हो।
All countries need #COVID19 vaccine doses now to protect all healthcare and frontline workers.
We must treat vaccines as a global public good —people’s vaccines — accessible & affordable to all. pic.twitter.com/CQJcQoyeBh— António Guterres (@antonioguterres) January 19, 2021
वैक्सीनेशन में भारत की मदद कर रहीं संयुक्त राष्ट्र की एजेंसियां
बता दें कि संयुक्त राष्ट्र संघ की एजेंसियां भारत में शुरू हुए दुनिया के सबसे बड़े वैक्सीनेशन कार्यक्रम में अधिकारियों के साथ मिलकर काम कर रही हैं। महासचिव एंटोनियो गुतेरस के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने कहा कि भारत स्थित रेजिडेंट कोआर्डिनेटर रेनाटा डेसालियन के नेतृत्व वाली टीम बड़े पैमाने पर टीकाकरण में लगे सरकारी कर्मचारियों और विश्व निकाय की एजेंसियों का सहयोग कर रही हैं। अब तक वहां लगभग पांच लाख लोगों को टीका लगाया जा चुका है।
16 जनवरी को भारत ने वैक्सीनेशन कार्यक्रम की शुरुआत की थी। जिसके तहत प्रथम चरण में देशभर के स्वास्थकर्मियों और फ्रंटलाइन वर्कर को वैक्सीन लगाई जा रही है। भारत ने दो तरह की वैक्सीन को मंजूरी दी है। ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका की कोविशील्ड का उत्पादन जहां सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया कर रही है जबकि भारत बायोटेक कोवैक्सीन का निर्माण कर रही है। दुजारिक ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र की टीमों ने अब तक चार हजार टीका सत्रों की ना केवल निगरानी की है बल्कि तीन लाख से अधिक वैक्सीन देने वाले कार्यकर्ताओं और स्वास्थकर्मियों को प्रशिक्षित किया है।