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मानवाधिकार कार्यकर्ताओं के खिलाफ हिंसा मामले में 38 देशों की स्थिति शर्मनाक

संयुक्त राष्ट्र की 38 शर्मनाक देशों की सूची में 29 देश ऐसे हैं जिनमें नए मामले सामने आए हैं जबकि 19 ऐसे हैं जिनमें ऐसे मामले पहले से जारी हैं।

By Ravindra Pratap SingEdited By: Published: Wed, 12 Sep 2018 06:34 PM (IST)Updated: Wed, 12 Sep 2018 06:34 PM (IST)
मानवाधिकार कार्यकर्ताओं के खिलाफ हिंसा मामले में 38 देशों की स्थिति शर्मनाक
मानवाधिकार कार्यकर्ताओं के खिलाफ हिंसा मामले में 38 देशों की स्थिति शर्मनाक

जिनेवा, रायटर। संयुक्त राष्ट्र ने चीन, रूस और भारत समेत 38 देशों को बुधवार को ऐसे शर्मनाक देशों की सूची में शामिल किया जो मानवाधिकार कार्यकर्ताओं के खिलाफ हत्याओं, यातनाओं और मनमानी गिरफ्तारियों के जरिये बदले की हिंसा को अंजाम देते हैं या उन्हें डराते हैं।

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संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस की वार्षिक रिपोर्ट में मानवाधिकार कार्यकर्ताओं और पीड़ितों के साथ बदसुलूकी, उनकी निगरानी करने, उनका अपराधीकरण करने और उनके खिलाफ सार्वजनिक मानहानि अभियान चलाने के आरोप भी शामिल हैं। गुटेरेस ने लिखा, 'दुनिया मानवाधिकारों के साथ खड़े होने वाले ऐसे साहसी लोगों की आभारी है जिन्होंने संयुक्त राष्ट्र के साथ जुड़कर मांगी गई सूचनाओं का जवाब दिया, ताकि भागीदारी के उनके अधिकार का सम्मान बना रहे।'

संयुक्त राष्ट्र की 38 शर्मनाक देशों की सूची में 29 देश ऐसे हैं जिनमें नए मामले सामने आए हैं जबकि 19 ऐसे हैं जिनमें ऐसे मामले पहले से जारी हैं। नए मामलों वाले 29 देशों में रूस, चीन, भारत, बहरीन, कैमरून, कोलंबिया, क्यूबा, कांगो, जिबूती, मिस्त्र, ग्वाटेमाला, गुयाना, होंडूरास, हंगरी, इजरायल, किर्गिस्तान, मालदीव, माली, मोरक्को, म्यांमार, फिलीपींस, रवांडा, सऊदी अरब, दक्षिण सूडान, थाईलैंड, त्रिनिदाद एवं टोबेगो, तुर्की, तुर्कमेनिस्तान और वेनेजुएला शामिल हैं।


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