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Nepal: स्टैंडिंग कमिटी बैठक की तारीख के लिए NCP के खेमों में घमासान, 9 बार हो चुकी है स्थगित

स्टैंडिंग कमिटी की बैठक के लिए सत्तारूढ़ नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी के दो खेमों के बीच सहमति नहीं बन पा रही है लेकिन इसकी आवश्यकता को देखते हुए निश्चित तारीख तय करने को कहा गया है।

By Monika MinalEdited By: Published: Wed, 29 Jul 2020 08:51 AM (IST)Updated: Wed, 29 Jul 2020 08:51 AM (IST)
Nepal: स्टैंडिंग कमिटी बैठक की तारीख के लिए NCP के खेमों में घमासान, 9 बार हो चुकी है स्थगित
Nepal: स्टैंडिंग कमिटी बैठक की तारीख के लिए NCP के खेमों में घमासान, 9 बार हो चुकी है स्थगित

काठमांडू, एएनआइ। पूरे 9 बार स्थगित की जा चुकी स्टैंडिंग कमिटी की बैठक को लेकर माधव नेपाल और पुष्प कमल दहल खेमे की बैठक मंगलवार को हुई। इसमें अब तक खटाई में पड़ी स्टैंडिंग कमिटी की बैठक के लिए सत्तारूढ़ नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी से एक निश्चित तारीख तय करने को कहा गया है। बता दें कि स्टैंडिंग कमिटी की बैठकें 24 जून से नौ बार स्थगित की जा चुकी है।

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पार्टी प्रवक्ता नारायण काजी श्रेष्ठ ने बताया, 'आज सुबह के लिए बुलाई गई बैठक को रद करने का फैसला केवल प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली का था। स्टैंडिंग कमिटी के अधिकतर सदस्यों ने इस फैसले का विरोध किया है। हमने पार्टी के सह अध्यक्ष पुष्प कमल दहल से भी कहा है कि वे इसके लिए बात करें और मीटिंग के लिए तारीख निश्चित करें क्योंकि मौजूदा हालात में यह अनिवार्य है।'

मंगलवार को नेपाल-दहल खेमे की बैठक में 45 सदस्यों वाले स्टैंडिंग कमिटी के 29 सदस्यों ने हिस्सा लिया। इसमें ओली गुट के सदस्यों ने हिस्सा नहीं लिया था इन्होंने दावा किया था कि यह मीटिंग रद कर दी गई है। वरिष्ठ नेताओं ने प्रधानमंत्री ओली से मुलाकात कर उन्हें बैठक के लिए मनाने की कोशिश की थी लेकिन वे अपने फैसले से डिगे नहीं।

इससे पहले पिछले हफ्ते बुधवार को स्टैंडिंग कमिटी कुछ देर के लिए प्रधानमंत्री ओली के आवास पर गई थी। उस बैठक में प्रधानमंत्री शामिल नहीं थे, इसलिए फैसला किया गया कि 28 जुलाई को बैठक की जाएगी और समिति की गतिविधियों, सरकार के प्रदर्शन, पार्टी के नेताओं के बीच काम के बंटवारे और प्रस्तावित जनरल कन्वेन्शन जैसे मुद्दों पर चर्चा की जाएगी। पार्टी की 45 सदस्यीय स्टैंडिंग कमिटी की बैठक सबसे पहले 24 जून को बुलाई गई थी, जिसके पहले प्रधानमंत्री ओली ने आरोप लगाया था कि कालापानी, लिपुलेख और लिम्पियाधुरा, तीन भारतीय क्षेत्रों को देश के नए राजनीतिक नक्शे में शामिल करने के बाद उन्हें सत्ता से बाहर करने के लिए पार्टी के कुछ नेता दक्षिणी पड़ोसी देश के साथ मिल गए हैं। प्रचंड के नेतृत्व वाले गुट ने आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि वे लोग इस्तीफा मांग रहे हैं, न कि भारत मांग रहा है।


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