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अफगानिस्तान में 20 तालिबानी आतंकी मारे गए, आतंकवादियों से हथियार और गोलाबारूद भी बरामद

अफगानिस्तान के कंधार प्रांत में अफगान सेना ने अभियान चलाते हुए बीस तालिबानी आतंकियों को मार गिराया। अफगान रक्षा मंत्रालय ने ट्वीट करते हुए कहा कि इन आतंकवादियों से हथियार और गोलाबारूद भी बरामद किया गया है। जिन्हें नष्ट कर दिया गया है।

By Ramesh MishraEdited By: Published: Wed, 03 Mar 2021 05:21 PM (IST)Updated: Wed, 03 Mar 2021 05:21 PM (IST)
अफगानिस्तान में 20 तालिबानी आतंकी मारे गए, आतंकवादियों से हथियार और गोलाबारूद भी बरामद
अफगानिस्तान के हेरात प्रांत में 20 तालिबानी आतंकी मारे गए। फाइल फोटो।

काबुल, एजेंसी। अफगानिस्तान के कंधार प्रांत में अफगान सेना ने अभियान चलाते हुए बीस तालिबानी आतंकियों को मार गिराया। अफगान रक्षा मंत्रालय ने ट्वीट करते हुए कहा कि इन आतंकवादियों से हथियार और गोलाबारूद भी बरामद किया गया है, जिन्हें नष्ट कर दिया गया है। हेरात प्रांत में अफगानिस्तान के कमांडो फोर्स ने एक ऑपरेशन में सेना के 27 जवान और सात नागरिकों को तालिबानियों की कैद से मुक्त करा लिया। पकड़े गए सभी लोगों को यातनाएं दी जा रही थीं। इस ऑपरेशन में छह तालिबानी आतंकी मारे गए।

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उल्लेखनीय है कि अफगान सरकार के अधिकारियों के स्तर से ही अब यह बात उठने लगी है कि दोहा में चल रही शांति वार्ता तभी सार्थक सिद्ध होगी, जब पूरी तरह से युद्धविराम की घोषणा की जाएगी। राष्ट्रपति के सलाहकार हाजी नाजिर अहमदजई भी कह चुके हैं कि इस तरह की वार्ता समय नष्ट करना है। उन्होंने यह भी कहा कि जब अफगान प्रतिनिधिमंडल दोहा में है तो दूसरे दौर की वार्ता में क्यों देरी की जा रही है।

उधर, इस्लामिक स्टेट ने मंगलवार शाम को पूर्वी अफगानिस्तान में तीन महिला मीडिया वर्करों पर किए हमले की जिम्मेवारी ली। इंटेलीजेंस एजेंसी SITE के अनुसार, अफगानिस्तान में मौजूद आतंकी समूह ने कहा कि इसके लड़ाकों ने जलालाबाद के टेलीविजन स्टेशन की तीन महिला कर्मचारियों पर हमला किया था। एनिकास टीवी के लिए काम करने वाली इन तीनों महिलाओं की उम्र 18 से 20 साल के बीच थी। ये सभी अपने काम से लौट रहीं थीं। आतंकियों ने कहा कि तीनों महिला पत्रकारो को निशाने पर इसलिए लिया गया क्योंकि वे अफगान सरकार के लिए काम करने वाले जलालाबाद के मीडिया स्टेशन के साथ थीं।

बता दें कि  एनिकास रेडियो व टीवी में काम करने वाली महिलाओं पर यह पहला हमला नहीं था। पिछले साल के दिसंबर में आइएस ने दावा किया कि वहां एक और महिला कर्मचारी की हत्या की गई थी। अफगान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने मंगलवार को हुए हमले की निंदा की और कहा कि यह निर्दोषों के शोषण का मामला है। 


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