बारह अफ्रीकी देशों में मंकीपॉक्स के सामने आए 1,782 मामले, अफ्रीका सीडीसी ने दी जानकारी
अफ्रीका महाद्वीप के कई देशों में मंकीपॉक्स के मामले सामने आने से चिंता बढ़ गई है। अफ्रीका सीडीसी इस रोग की पहचान और निदान के लिए सभी मामलों की जिनोम सिक्वेंसिंग पर भी जोर दे रहा है। इसके अलावा वो लोगों को प्रशिक्षित भी कर रहा है।

अदीस अबाबा, इथियोपिया (एएनआई / सिन्हुआ)। अफ्रीका के रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र (अफ्रीका सीडीसी) ने खुलासा किया कि बारह अफ्रीकी देशों में अब तक मंकीपॉक्स के 1,782 मामले दर्ज किए जा चुके हैं। अफ्रीका सीडीसी के कार्यवाहक निदेशक अहमद ओगवेल ने ये जानकारी एक साप्ताहिक ब्रीफिंग के दौरान दी है। उनका कहना है कि अफ्रीका में मंकीपॉक्स के मामलों के 1,782 मामलों में से 104 मामलों की पुष्टि की जा चुकी है जबकि अन्य मामले संदिग्ध हैं। उन्होंने कहा कि स्थानिक और गैर-स्थानिक दोनों देशों में मंकीपॉक्स के मामले सामने आए हैं, इस बात पर प्रकाश डाला गया है कि बेनिन, मोरक्को और दक्षिण अफ्रीका गैर-स्थानिक अफ्रीकी संघ (एयू) के सदस्य हैं जो बीमारी के पुष्ट मामलों की रिपोर्ट कर रहे हैं।
कार्यवाहक निदेशक का कहना है कि दुर्भाग्य से महाद्वीप में मंकीपॉक्स के प्रकोप के परिणामस्वरूप 73 मौतें हुई हैं, जिससे रोग की मृत्यु दर 4.1 प्रतिशत हो गई है। उनके मुताबिक अफ्रीका सीडीसी नाइजीरिया में महाद्वीप के विभिन्न हिस्सों से तैयार किए गए 20 स्वास्थ्य विशेषज्ञों को प्रशिक्षण दे रहा है ताकि उन्हें अपने-अपने देशों में मंकीपॉक्स के लिए प्रयोगशाला निदान करने की क्षमता बनाने में मदद मिल सके। उन्होंने ये भी कहा कि इससे लड़ने के लिए प्रशिक्षण बहुत महत्वपूर्ण है। ऐसा इसलिए क्योंकि यह हमारे सदस्य राज्यों की संदिग्ध मामलों की पुष्टि करने की क्षमता को बढ़ाता है। यह दर्शाता है कि बीमारी के लिए नैदानिक प्रयोगशाला पुष्टि पूरे महाद्वीप में धीमी रही है।
ओगवेल ने कहा कि अफ्रीका सीडीसी इंस्टीट्यूट फॉर पैथोजन जीनोमिक्स भी मंकीपॉक्स के नमूनों की जिनोम सिक्वेंसिंग पर काम कर रहा है ताकि यह किसी भी एयू सदस्य में होने वाले किसी भी प्रकार के रोग की पहचान और उन्हें दर्ज करने में सक्षम हुआ जा सके। उन्होंने कहा कि हम मंकीपॉक्स के नमूनों की जिनोम सिक्वेंसिंग का काम जारी रखेंगे जैसा कि हमने COVID-19 के लिए किया था ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि हम महाद्वीप में जिस तरह के रोग से निपट रहे हैं, वो तरीका ठीक है या नहीं। ये इस बीमारी को समझने और इसके निदान के लिए भी बेहद जरूरी है। बता दें कि डब्ल्यूएचओ ने हाल की एक रिपोर्ट में कहा कि इथियोपिया, गिनी, लाइबेरिया, मोजाम्बिक, सिएरा लियोन, सूडान और युगांडा के अलावा कई अन्य देशों में भी इसके संदिग्ध मामले सामने आए हैं।
Edited By Kamal Verma