Turkey Social Media: तुर्की में सोशल मीडिया पर कसा शिकंजा, बना नया कानून
फेसबुक ट्विटर जैसे सोशल मीडिया प्लेटफार्मों को तुर्की सरकार ने अपने नियंत्रण में ले लिया है। यहां संसद में एक विधेयक पारित हुआ जिसके तहत इन प्लेटफार्म का नियंत्रण अब सरकार करेगी
अंकारा (एएफपी)। तुर्की में अब सोशल मीडिया देश की सरकार के हाथ में चला गया। दरअसल, यहां की संसद ने बुधवार को विवादित विधेयक पारित किया जिसके बाद सोशल मीडिया का नियंत्रण देश की सरकार के हाथ में रहेगा। इस कदम की मानवाधिकार संगठनों की ओर से आलोचना की जा रही है और इसे ऑनलाइन सेंशरशिप करार दिया गया है। मानवाधिकार समूहों व विपक्षियों ने इसपर चिंता जताई है और इसे तुर्की में बोलने की आजादी के अधिकार का हनन बताया है। इस विधेयक को सत्तारूढ़ AKP और इसकी पार्टनर MHP ने पेश किया था जिसे संसद में बहुमत मिली और यह पारित कर दिया गया।
नियमों का पालन न करने पर देना होगा जुर्माना
बता दें कि सोशल मीडिया पर तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैय्यप एर्दोगन के खिलाफ चल रहे आपराधिक मामलों के मद्देनजर अपमान किया जा रहा है। नए कानून के तहत सोशल मीडिया के दिग्गज प्लेटफार्मों जैसे फेसबुक, ट्विटर को अब तुर्की में अपने स्थानीय प्रतिनिधियों को सुनिश्चित करना होगा और कोर्ट के आदेशों का पालन करते हुए कुछ कंटेंट हटाना पड़ेगा। ऐसा नहीं करने पर भारी जुर्माना लगेगा। इस विधेयक के पारित होने के बाद लंबे समय तक संसद में चर्चा हुई और फिर अक्टूबर तक स्थगित कर दी गई।
कंटेंट हटाने की मांग करने वाले देशों में तुर्की नंबर वन
ट्विटर के हालिया ट्रांसपैरेंसी रिपोर्ट के अनुसार, 2019 की पहली छमाही के लिए कंटेंट हटाने की मांग करने वाले 6000 देशों में तुर्की पहले स्थान पर है। करीब 3 साल बाद ऑनलाइन एनसाइक्लोपीडिया विकिपीडिया पर से तुर्की ने जनवरी में प्रतिबंध हटा लिया। एर्दोगन प्रशासन ने पहले 2014 में ट्विटर और यू-ट्यूब को ब्लॉक कर दिया था जब राष्ट्रपति तत्कालीन प्रधानमंत्री के खिलाफ ऑडियो रिकॉर्डिंग पोस्ट की गई थी। उल्लेखनीय है कि एक बार एर्दोगन ने मीडिया प्लेटफार्म की तुलना हत्यारे के चाकू से की थी।
ट्विटर पर बेटी के बच्चे के जन्म का किया था ऐलान
बता दें कि इस माह के शुरुआत में तुर्की के राष्ट्रपति ने ट्विटर पर अपनी बेटी और दामाद को कथित तौर पर अपमानित किए जाने के बाद ही सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर नकेल कसने का संकल्प लिया था। ट्विटर पर राष्ट्रपति को तब निशाना बनाया गया जब उन्होंने अपनी बेटी के चौथे बच्चे के जन्म का ऐलान किया। इसके बाद उन्होंने टीवी पर एक इंटरव्यू में कहा था कि उनकी सरकार एक ऐसा कानून लाने को कृत संकल्प है, जो सोशल मीडिया कंपनियों को तुर्की में कानूनी उपस्थिति के लिए मजबूर करेगी। इसका मतलब यह है कि उन्हें वित्तीय रूप से जवाबदेह ठहराया जाएगा और तुर्की की अदालतों के फैसलों को मानने के लिये बाध्य किया जाएगा।