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जानें क्या है- सिंगापुर में होने वाले ट्रंप-किम की ऐतिहासिक मुलाकात पर उत्तर कोरिया का एजेंडा

डोनाल्ड ट्रंप और किम जोंग उन की मुलाकात 12 जून मंगलवार को सिंगापुर में होने वाली है। इसे लेकर उत्तर कोरिया ने अपना एजेंडा तय़ कर लिया है।

By Srishti VermaEdited By: Published: Mon, 11 Jun 2018 11:05 AM (IST)Updated: Mon, 11 Jun 2018 11:21 AM (IST)
जानें क्या है- सिंगापुर में होने वाले ट्रंप-किम की ऐतिहासिक मुलाकात पर उत्तर कोरिया का एजेंडा
जानें क्या है- सिंगापुर में होने वाले ट्रंप-किम की ऐतिहासिक मुलाकात पर उत्तर कोरिया का एजेंडा

सिंगापुर (एजेंसी)। उत्तर कोरिया ने ट्रंप-किम की ऐतिहासिक मुलाकात को लेकर अपना एजेंडा तय कर लिया है। उत्तर कोरिया की सरकारी मीडिया ने बताया है कि इस बैठक के बाद प्योंगयांग संभवत: अमेरिका के साथ नये संबंध बनाने की तलाश कर सकता है। बता दें कि कल यानि 12 जून को ये ऐतिहासिक बैठक होने वाली है, जिसके एक दिन पहले उत्तर कोरियाई मीडिया की तरफ से आया ये बयान काफी अहम माना जा रहा है। इस बयान के बाद ऐसा माना जा रहा है कि दशकों पुरानी उत्तर कोरिया की छवि अब बदलने वाली है।

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आपको बता दें कि दोनों नेता रविवार की शाम को सिंगापुर पहुंच चुके हैं। ट्रंप ने इस ट्रिप को सोमवार की सुबह सिंगापुर से ये ट्वीट कर कहा कि- 'यहां के वातावरण में एक अलग ही उर्जा है, अच्छा महसूस हो रहा है।' अपने एयर फोर्स वन विमान से रविवार की शाम सिंगापुर पहुंचे डोनाल्ड ट्रंप को इस समिट को लेकर काफी उम्मीदें हैं। उनका मानना है कि समिट के बाद किम जोंग परमाणु हथियारों का आत्मसमर्पण कर देंगे। बताया जा रहा है कि दोनों नेता अलग अलग होटलों में ठहरे हुए हैं लेकिन वे एक दूसरे से ज्यादा दूर नहीं हैं। मंगलवार को दोनों होटल सेंटोसा में मुलाकात करेंगे। सेंटोसा एक लोकप्रिय पर्यटन द्वीप है जो सिंगापुर से लगभग 100 मीटर की दूरी पर है।

दक्षिण कोरिया की योनहैप समाचार एजेंसी ने बताया कि दोनों देशों के वरिष्ठ राजनयिकों ने सोमवार को बैठक कर अपने नेताओं को पेश करने के लिए एक समझौते का मसौदा तैयार किया। आपको बता दें कि उत्तरी कोरियाई सरकारी मीडिया आम तौर पर रियल टाइम पर अपने नेता की गतिविधियों का उल्लेख नहीं करता है, लेकिन संपादकीय ने पुष्टि की ही कि इस मुलाकात के माध्यम से हम नए युग की बदलती मांगों को पूरा करने के लिए अमेरिका के साथ एक नया रिश्ता स्थापित करेंगे"।

बताया जा रहा है कि दोनों देशों के बीच बातचीत का केंद्र परमाणुकरण होगा। बातचीत के माध्यम से दोनों देशों के रिश्ते पर सामान्यीकरण की तलाश की जाएगी। अमेरिका चाहता है कि उत्तर कोरिया अपने परमाणु हथियार छोड़ दे, लेकिन उत्तरी कोरिया की तरफ से यह स्पष्ट नहीं है कि बदले में यह क्या मांग सकता है।


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