ट्रंप ने नकारा जी-7 का प्रस्ताव, कनाडाई पीएम जस्टिन ट्रूडो को कहा झूठा; आर्थिक युद्ध का खतरा
डोनाल्ड ट्रंप ने पहले जी-7 सम्मेलन बीच में छोड़ दिया और अब इसके बाद प्रस्ताव को पूरी तरह से नकार दिया है।
क्यूबेक सिटी (एजेंसी)। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने आर्थिक युद्ध का खतरा पैदा कर दिया है। पहले जी-7 सम्मेलन बीच में छोड़ दिया और अब इसके प्रस्ताव को ही सिरे से खारिज कर दिया। ट्रंप ने कनाडाई पीएम जस्टिन ट्रूडो को झूठा तक करार दिया। हालांकि इस कदम से वह अपने घर में भी घिरते नजर आ रहे हैं।
रिपब्लिकन पार्टी के सीनेटर मेक्लीन ने यूरोपीय देशों को आश्वस्त किया है कि ट्रंप के ताजा रुख से वो घबराएं नहीं, हम वैश्विक समझौते का स्वागत करेंगे। जी-7 सम्मेलन का सामूहिक प्रस्ताव जैसे ही ऑनलाइन हुआ, उसके चंद मिनटों बाद ट्रंप ने ट्वीट करके अपने इरादे जता दिए। उन्होंने कनाडा में मौजूद अपने प्रतिनिधि से कहा कि वह प्रस्ताव का समर्थन किसी सूरत में न करें। ट्रंप ने एयर फोर्स-1 से ट्वीट करके कहा कि ट्रूडो के झूठ पर आधारित प्रस्ताव पूरी तरह से गलत है। कनाडा अमेरिकी किसानों व कंपनियों से भारी कर वसूल रहा है। उनका कहना था कि वह अपनी ऑटोमोबाइल मार्केट का आकलन करके कोई फैसला करेंगे।
ध्यान रहे कि अमेरिकी बाजार में जर्मन व कनाडाई कार कंपनियों का दबदबा है। हालांकि एयरफोर्स वन में बैठी पत्रकार को बताया गया था कि ट्रंप जी-7 बैठक के प्रस्ताव से सहमत हैं, लेकिन बाद में प्रशासनिक अधिकारी ने उन्हें बताया कि ट्रूडो के बयान ने ट्रंप को गुस्सा कर दिया है। ट्वीट में उन्होंने उसे खारिज कर दिया है। ट्वीट से पहले एक प्रेस वार्ता में ट्रूडो ने कहा था कि स्टील व एल्युमीनियम के आयात पर लगाए कर के मामले में ट्रंप का रवैया कनाडा के उन बुजुर्गो का अपमान है जो पहले विश्व युद्ध में उसके साथ खड़े हुए थे। उन्होंने यहां तक कहा कि कनाडा के लोग किसी सूरत में पीछे हटना बर्दाश्त नहीं करेंगे।
कनाडाई पीएम पर व्हाइट हाउस भी भड़का
व्हाइट हाउस से अमेरिका के आर्थिक सलाहकार लैरी कुडलॉ ने कनाडा पर पीठ में छुरा मारने का आरोप लगाया। उनका कहना था कि अमेरिका हर प्रस्ताव पर सहमत था, लेकिन ट्रूडो ने प्रेस कांफ्रेंस करके अमेरिका पर सीधा हमला कर दिया। इससे ट्रंप को ठेस लगी और उन्होंने प्रस्ताव को खारिज करना का फैसला अचानक ले लिया।
जर्मनी फ्रांस ने जताया विरोध
राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के ऑफिस से जारी बयान में कहा गया है कि गुस्से से वैश्विक कारोबार को नहीं चलाया जा सकता। प्रस्ताव को खारिज करना पूरी तरह से डोनाल्ड ट्रंप के अड़ियल व ढुलमुल रवैए को दर्शा रहा है। उधर, जर्मनी के विदेश मंत्री हीको मास ने ट्वीट पर कहा कि ट्रंप ने ट्वीट से विश्वास को ठेस पहुंचाई है।
रूस पर लगे रहेंगे प्रतिबंध
ट्रंप ने जी-7 सम्मेलन से जाने से पहले रूस की इसमें वापसी करने पर जोर दिया था। इटली ने भी उनकी हां में हां मिलाई थी, लेकिन जो अंतिम प्रस्ताव आया उसमें रूस को हिदायत दी गई कि वह लोकतांत्रिक सरकारों को कमजोर करने का काम न करे। यूक्रेन व क्रीमिया को लेकर उसकी आलोचना की गई और यह भी कहा गया कि प्रतिबंध पहले की तरह रहेंगे।