आतंकवाद मानवता के लिए सबसे बड़े खतरों में शुमार, इससे भारत की आठ सूत्री कार्ययोजना से निपटा जा सकता है : एस जयशंकर
जयशंकर ने कहा आतंकवाद के समर्थन को किसी भी बहाने से सही नहीं ठहराया जा सकता। विदित हो कि पाकिस्तान दशकों से आतंकियों का पनाहगाह बना हुआ है। वहां की सरकार आतंकवाद को हथियार के रूप में इस्तेमाल कर रही है।
जेनेवा, प्रेट्र। आतंकवाद मानवता के लिए सबसे बडे़ खतरों में से एक है। इसे किसी रूप में सही नहीं ठहराया जा सकता और न ही अपराधियों को पीडि़त के रूप में प्रस्तुत किया जा सकता है। यह बात विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मानवाधिकार परिषद के 46 वें सत्र को ऑनलाइन संबोधित करते हुए कही। भारतीय विदेश मंत्री ने कहा, आतंकवाद मानवता के खिलाफ अपराध है। यह मनुष्य के सबसे प्रमुख जीने के अधिकार को खत्म करता है। इस समय दुनिया में जो हालात हैं उनमें यह मानवता के लिए सबसे बड़े खतरों में शामिल हो गया है। भारत आतंकवाद से सबसे ज्यादा पीड़ित देशों में शामिल है। वह आतंकवाद के खिलाफ एकजुट वैश्विक कार्रवाई का पक्षधर है।
पाकिस्तान पर परोक्ष हमला
जयशंकर ने कहा, आतंकवाद के समर्थन को किसी भी बहाने से सही नहीं ठहराया जा सकता। विदित हो कि पाकिस्तान दशकों से आतंकियों का पनाहगाह बना हुआ है। वहां की सरकार आतंकवाद को हथियार के रूप में इस्तेमाल कर रही है। विदेश मंत्री ने कहा कि भारत ने जनवरी में संयुक्त राष्ट्र में आतंकवाद से मुकाबले के लिए आठ बिंदुओं की कार्ययोजना प्रस्तुत की थी। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सदस्य देश और बाकी के देश मिलकर इस कार्ययोजना पर कार्य कर सकते हैं और आतंकवाद पर काबू पा सकते हैं।
उन्होंने कहा कि आतंकवाद से मानवाधिकारों को गंभीर नुकसान पहुंचता है। आतंक के माहौल में लोग अपनी मूलभूत अधिकारों को भूल जाते हैं और येन-केन-प्रकारेण जान बचाने की कोशिश में लग जाते हैं। आतंकवाद के फैलने में दुनिया के देशों में असमानता होना और सशस्त्र संघर्षों की बड़ी भूमिका है। कोविड महामारी ने भी समस्याओं को बढ़ाया है। इसके दुष्परिणामस्वरूप आतंकवाद को मजबूती मिल सकती है। हमें असमानता और गरीबी दूर करने के प्रयासों में जुटे रहना है, तभी दुनिया को सुरक्षित रखा जा सकता है।
मॉरीशस में नए उच्चायोग भवन का उद्घाटन
इससे पहले मॉरीशस की राजधानी पोर्ट लुइस में विदेश मंत्री जयशंकर ने वहां बने नए उच्चायोग भवन का उद्घाटन किया। यह भवन प्रदूषण नियंत्रण के मानदंडों को ध्यान में रखकर बनाया गया है। इस भवन में कार्यालय के साथ आवास सुविधा भी है।
उद्घाटन समारोह में मॉरीशस के प्रधानमंत्री प्रविंद जगन्नाथ और विदेश मंत्री एलेन गानू ने भी भाग लिया। जयशंकर ने कार्यक्रम में मौजूदगी के लिए दोनों महानुभावों का आभार जताया। अपनी यात्रा के अंतिम चरण में जयशंकर ने मालदीव में भारतीय सहयोग से बन रहे 950 आवासों के निर्माण की परियोजना की भी समीक्षा की। उन्होंने मेट्रो ट्रेन में भी यात्रा की, जो भारत के सहयोग से चलाई गई है।