अफगान में नए राजनीतिक संगठन को तालिबान की चेतावनी- नहीं होंगे अच्छे परिणाम
15 अगस्त से अफगानिस्तान में पूरी तरह काबिज तालिबान अब काबुल में नए राजनीतिक समूह के गठन से बौखलाया हुआ है। तालिबानी प्रवक्ता मुजाहिद ने तो यहां तक कह दिया कि रेजिस्टेंस की नाम पर कोई अफगान की जनता को डरा नहीं सकता।
काबुल, एएनआइ। तालिबान (Taliban) ने शनिवार को नए हाई काउंसिल आफ नेशनल रेजिस्टेंस नामक राजनीतिक संगठन को चेतावनी दी जिसमें पूर्व सरकारी अधिकारियों के साथ मुजाहिदीन नेता हैं। तालिबान ने कहा कि रेेेेेजिस्टेंस फ्रंट बनाने और हथियार हाथ में उठाने का परिणाम अच्छा नहीं होगा।
नए राजनीतिक मूवमेंट नेशनल रेजिस्टेंस का ऐलान हाल में ही हुआ है जिसपर कड़ी प्रतिक्रियाएं मिल रहीं हैं। टोलो न्यूज के अनुसार, जमीयत ए इस्लामी के नेता अट्टा मोहम्मद नूर (Atta Mohammad Noor) ने सोशल मीडिया के जरिए इस नए राजनीतिक समूह के गठन का ऐलान किया। इस ऐलान पर तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद ने उन्हें चेताया और कहा, 'अफगानिस्तान की जनता को कोई नहीं डरा सकता। '
पिछले माह के अंत में तालिबान ने अफगानिस्तान के ताखर प्रांत में एक बच्चे की हत्या कर दी थी वह भी केवल इसलिए क्योंकि बच्चे के पिता का पंजशीर की रेजिस्टेंस फोर्स के सदस्य होने का संदेह था। रेजिस्टेंस फोर्स को एनआरएफ भी कहा जाता है, जो पंजशीर प्रांत की स्थानीय सेना है और तालिबान का मुकाबला कर रही है।
उल्लेखनीय है कि अफगान से विदेशी सेना की वापसी के साथ ही तालिबान ने देश को पूरी तरह अपने कब्जे में लेे लिया और 15 अगस्त से देश भर में अपनी हुकूमत चला रही है। सितंबर माह में तालिबान ने अपने अंतरिम सरकार का गठन भी कर दिया। देश की सत्ता पर काबिज होने के बाद से वैश्विक स्तर पर मान्यता पाने के मकसद से तालिबान ने सभी धर्मों को साथ लेकर चलने का दावा किया था लेकिन अब यह अपना रंग दिखा रहा है। देश में रहने वाले अल्पसंख्यक समुदाय के सुरक्षा हालात दिन ब दिन बदतर होते जा रहे हैं। विशेषकर यहां रहने वाले सिख समुदाय पर संकट मंडरा रहा है। हाल ही में मिली जानकारी के अनुसार, तालिबान ने सिखों को आदेश दिया है कि वे इस्लाम धर्म को अपना कर सुन्नी मुस्लिम बन जाएं या देश छोड़कर चले जाएं।