अफगानिस्तान में LGBT समुदाय के लोगों के लिए और बढ़ी मुश्किलें, तालिबान बना रहा निशाना
कई ऐसे भी मामले सामने आए हैं जिनमें परिवारों और पड़ोसियों द्वारा एलजीबीटी समुदाय के लोगों के साथ दुर्व्यवहार किया गया। ये लोग या तो तालिबान का समर्थन करते हैं या फिर तालिबानियों से अपनी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उन्हें ऐसा करना पड़ा।
न्यूयार्क, एएनआइ। अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद समलैंगिक और ट्रांसजेंडर समेत एलजीबीटी समुदाय के सदस्यों को अपनी सुरक्षा और जीवन के लिए गंभीर खतरों का सामना करना पड़ा है। ह्यूमन राइट्स वाच (एचआरडब्ल्यू) की नई रिपोर्ट में यह बात सामने आई है। एलजीबीटी समुदाय के 60 अफगानों के साथ किए गए एक साक्षात्कार पर बनी इस रिपोर्ट में कहा गया है कि तालिबान की तरफ से उन्हें धमकी दी गई हैं।
कई बार ऐसे भी मामले सामने आए हैं जिनमें परिवारों और पड़ोसियों द्वारा एलजीबीटी समुदाय के लोगों के साथ दुर्व्यवहार किया गया। ये लोग या तो तालिबान का समर्थन करते हैं या फिर तालिबानियों से अपनी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उन्हें ऐसा करना पड़ा। कई समलैंगिकों को तालिबानियों और उनके समर्थकों द्वारा किए गए हमलों के कारण अपना घर छोड़कर भी भागना पड़ा है। आउटराइट एक्शन इंटरनेशनल में आपातकालीन अनुसंधान के लिए वरिष्ठ फेलो जे. लेस्टर फेडर ने कहा, हमने एलजीबीटी अफगानों के साथ बात की जो सामूहिक दुष्कर्म, भीड़ के हमलों या तालिबान में शामिल होने वाले अपने ही परिवार के सदस्यों द्वारा हमलों का शिकार हुए हैं। फेडर ने बताया कि इन लोगों को इस बात की कोई उम्मीद नहीं है कि राज्य संस्थान उनकी रक्षा करेंगे।
एचआरडब्ल्यू ने कहा कि 15 अगस्त, 2021 को तालिबान द्वारा देश पर पूर्ण नियंत्रण हासिल करने से पहले अफगानिस्तान एलजीबीटी लोगों के लिए एक खतरनाक जगह थी। तालिबान की सत्ता में वापसी से पहले एलजीबीटी लोगों को कई बार दुर्व्यवहार का सामना करना पड़ा था। इसके साथ ही रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि, तालिबान के देश पर नियंत्रण पाने के बाद स्थिति और ज्यादा खराब हो गई है। तालिबान के एक प्रवक्ता ने अक्टूबर में रायटर्स से एलजीबीटी को लेकर कहा था कि यह हमारे शरिया [इस्लामी] कानून के खिलाफ है।