नार्वे में तालिबान की वार्ता ने मान्यता को लेकर छेड़ी नई बहस, प्रदर्शनकारियों ने कहा- नहीं बदल सकते हैं तालिबानी
अगस्त में अफगानिस्तान पर कब्जे के बाद तालिबानी प्रतिनिधिमंडल देश में खराब होते मानवीय हालात पर चर्चा के लिए पहली बार यूरोप पहुंचा है। उधर अफगानिस्तान में अमेरिका के विशेष प्रतिनिधि टाम वेस्ट भी अपनी टीम के साथ तालिबानी प्रतिनिधिमंडल से वार्ता के लिए ओस्लो पहुंच चुके हैं।
ओस्लो, एपी। अफगानिस्तान के कार्यवाहक विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी के नेतृत्व में तालिबानी प्रतिनिधिमंडल की नार्वे की राजधानी ओस्लो में रविवार को पश्चिमी अधिकारियों और अफगानी सिविल सोसायटी के प्रतिनिधियों के साथ वार्ता की शुरुआत के बाद मान्यता को लेकर नई बहस छिड़ गई है। अगस्त में अफगानिस्तान पर कब्जे के बाद तालिबानी प्रतिनिधिमंडल देश में खराब होते मानवीय हालात पर चर्चा के लिए पहली बार यूरोप पहुंचा है। उधर, अफगानिस्तान में अमेरिका के विशेष प्रतिनिधि टाम वेस्ट भी अपनी टीम के साथ तालिबानी प्रतिनिधिमंडल से वार्ता के लिए ओस्लो पहुंच चुके हैं।
पहले दिन की वार्ता के बाद तालिबानी प्रतिनिधिमंडल के सदस्य शफीउल्ला आजम ने खास बातचीत में कहा, 'पश्चिमी अधिकारियों के साथ तीन दिवसीय वार्ता तालिबान सरकार को मान्यता की दिशा में पहला कदम है। ऐसी पहल और संवाद यूरोपीय समुदाय, अमेरिका और अन्य देशों को अफगानिस्तान सरकार की खराब छवि को सुधारने में मदद करेंगे।' हालांकि, तालिबान का यह बयान मेजबान नार्वे को परेशान कर सकता है। वार्ता के विरोध में अफगानिस्तान मूल के 200 से ज्यादा लोगों ने नार्वे के विदेश मंत्रालय के समक्ष प्रदर्शन किया और आरोप लगाया कि तालिबान में कोई बदलवा नहीं हुआ है। जैसे वे वर्ष 2001 में थे, वैसे ही अब भी हैं।
तालिबानी प्रतिनिधिमंडल ने महिला अधिकार व मानवाधिकार संगठनों के प्रतिनिधियों से भी मुलाकात की। अफगानिस्तान के कार्यवाहक संस्कृति व सूचना उप मंत्री जबीउल्ला मुजाहिद ने एक संयुक्त बयान ट्वीट किया, 'वार्ता में शामिल प्रतिभागियों ने कहा कि साझा सहयोग ही अफगानिस्तान की सभी समस्याओं का निदान है। राजनीतिक, आर्थिक व सुरक्षा की बेहतर स्थितियों को हासिल करने के लिए सभी अफगानियों को मिलकर काम करना होगा।'
जब्त राशि के इस्तेमाल की मांगी इजाजत
शफीउल्ला ने कहा, 'हम जब्त की गई अफगानिस्तान की राशि (10 अरब डालर) के इस्तेमाल की इजाजत मांग रहे हैं। मुझे लगता है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को भूखी और ठंड से परेशान जनता की मदद करनी चाहिए, न कि राजनीतिक विवाद के कारण उन्हें सजा देनी चाहिए।'
आतंकियों को वैध बनाने की खतरनाक मिसाल पेश कर सकती है वार्ता : विशेषज्ञ
एएनआइ की रिपोर्ट के अनुसार, यूरोप, पश्चिम एशिया व अफ्रीका में दो दशक तक काम कर चुके राजनीतिक शोधकर्ता वैस शेनोय 'द टाइम्स आफ इजरायल' नामक ब्लाग पोस्ट में लिखते हैं, 'तालिबानी प्रतिनिधिमंडल का ओस्लो दौरा आतंकियों को वैध करने का खतरनाक मिसाल कायम कर सकता है।' नार्वे की विदेश मंत्री एनिकेन हुइटफेल्ड के बयान का हवाला देते हुए वह कहते हैं कि तालिबान रणनीतिक रूप से मान्यता हासिल करने में सफल रह है। हुइटफेल्ड ने कहा था, 'यह वार्ता तालिबान को मान्यता देने अथवा उन्हें वैध करने के लिए नहीं है। लेकिन, हमें उनसे बात करनी चाहिए, जो देश को चला रहे हैं।'