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CPEC से जुड़ना चाहता है तालिबान, जानें समूह के प्रवक्ता ने क्या कहा

China Pakistan Economic Corridor projects चीन पाकिस्तान कारिडोर परियोजना में अब तालिबान भी शामिल होना चाहता है। तालिबानी प्रवक्ता ने यह भी बताया कि आतंकी समूह तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान से जुड़ी इस्लामाबाद की चिंताओं को भी दूर करेगा।

By Monika MinalEdited By: Published: Tue, 07 Sep 2021 06:37 AM (IST)Updated: Tue, 07 Sep 2021 06:37 AM (IST)
CPEC से जुड़ना चाहता है तालिबान, जानें समूह के प्रवक्ता ने क्या कहा
चीन पाकिस्तान कारिडोर परियोजना में अब तालिबान भी शामिल होना चाहता है

 इस्लामाबाद, एएनआइ। तालिबान (Taliban) के प्रवक्ता जबिउल्लाह मुजाहिद (Zabiullah Mujahid) ने सोमवार को  चीन पाकिस्तान आर्थिक गलियारा परियोजना (China-Pakistan Economic Corridor) से जुड़ने की इच्छा जाहिर की। समा न्यूज के अनुसार तालिबानी प्रवक्ता ने यह भी बताया कि आतंकी समूह तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) से जुड़ी इस्लामाबाद की चिंताओं को भी दूर करेगा। 

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होने वाली है अहम बैठक 

मुजाहिद ने यह भी पुष्टि की कि आने वाले दिनों में यह  पाकिस्तान के इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI) प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल फैज हमीद (Faiz Hameed) और तालिबान के वरिष्ठ नेता मुल्ला अब्दुल गनी बरादर (Mullah Abdul Ghani Baradar) के बीच बैठक होने वाली है। कुछ दिनों पहले ही ऐसी खबरें मिल रहीं थीं कि पाकिस्तान में CPEC की कुछ परियोजनाओं की धीमी गति से चीन खुश नहीं है। और तो और हाल के दिनों में अस परियोजना से जुड़े कई चीनी नागरिकों पर हमले भी किए गए हैं।

60 अरब डालर की लागत वाली है यह परियोजना

पाकिस्तान के बलूचिस्तान में ग्वादर बंदरगाह को चीन के झिनजियांग प्रांत से जोड़ने के लिए CPEC चीन की महत्वाकांक्षी बेल्ट एवं रोड इनिशिएटिव का हिस्‍सा है। पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर से होकर गुजरने के कारण भारत CPEC परियोजना को लेकर अपना विरोध भी दर्ज कराता रहा है। 60 अरब डालर के चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे परियोजना की सुरक्षा के लिए चीन पूरी तरह पाकिस्तान पर निर्भर है।

ग्लोबल टाइम्स ने पिछले माह एक रिपोर्ट प्रकाशित की थी। इसके अनुसार विश्लेषकों की ओर से चेतावनी दी गई है कि अफगानिस्तान में अशांति CPEC परियोजनाओं सहित चीन के शिनजियांग और विदेशों में उसके हितों को लक्षित करने वाले आतंकियों के लिए एक केंद्र बन सकता है और यहां संभावित खतरों से निपटने के लिए चीन और पाकिस्तान के बीच बेहतर संचार और समन्वय की आवश्यकता है। पिछले ही माह 20 अगस्त को बलूचिस्तान के ग्वादर इलाके में हुए एक बम विस्फोट में दो पाकिस्तानी बच्चों की मौत हो गई लेकिन चीनियों को निशाना बनाया गया।  


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