4,600 आतंकियों को छोड़े जाने के बाद पलट गया तालिबान, कहा- नहीं देते अफगान सरकार को मान्यता
अफगानिस्तान सरकार का कहना है कि तालिबान ने हमारा वक्त बर्बाद किया और अब बहाने बना रहा है। शांति वार्ता इसी हफ्ते कतर की राजधानी दोहा में होनी है।
काबुल, एजेंसियां। गृह युद्ध से तबाह अफगानिस्तान में शांति वार्ता को बड़ा झटका लगा है। अमन बहाली के लिए सरकार ने कुल 4,600 आतंकी छोड़े, फिर भी तालिबान पलट गया। उसने अशरफ गनी सरकार को ही मानने से इन्कार कर दिया है। तालिबान ने कहा-हम इस सरकार को वैध नहीं मानते, न मान्यता देते हैं। अमन बहाली की कोई भी कोशिश तभी शुरू हो पाएगी, जब देश में इस्लामिक सरकार पर बातचीत हो।
शांति वार्ता तभी, जब देश में इस्लामिक सरकार पर चर्चा हो
सरकार का कहना है कि तालिबान ने हमारा वक्त बर्बाद किया और अब बहाने बना रहा है। शांति वार्ता इसी हफ्ते कतर की राजधानी दोहा में होनी है। एक साक्षात्कार में तालिबान प्रवक्ता सुहैल शाहीन ने कहा, 'तालिबान अफगान युद्ध का विजेता है। हम अफगान सरकार को नहीं मानते। यह अमेरिका के इशारे पर और उसके विस्तार के लिए काम करता है। तालिबान सभी अफगान गुटों से बात करेगा, केवल सरकार के साथ नहीं।'
सरकार ने कहा-आतंकी संगठन ने हमारा वक्त बर्बाद किया
तालिबान के इस बयान पर राष्ट्रपति कार्यालय ने कहा, 'तालिबान ने हमारा वक्त बर्बाद किया और अब बेतुके बहाने बना रहा है। सरकार ने तालिबानी आतंकियों की रिहाई का वादा पूरा किया। जब तालिबान की बारी आई तो मुकर गया।' तालिबानी कैदियों की रिहाई के लिए अशरफ गनी सरकार ने नौ अगस्त को अफगान समुदायों के 3200 नेताओं की बैठक बुलाई थी। बैठक में बनी सहमति के बाद ही बाकी बचे 400 आतंकियों की रिहाई हुई थी।
तालिबान के 21 आतंकी ढेर
अफगान सुरक्षाबलों ने दो प्रांतों में तालिबान के कुल 21 आतंकी मार गिराए। सेना के मुताबिक बादगीस प्रांत के कादिस जिले में आतंकियों पर हवाई हमले भी किए गए। यहां 12 आतंकी ढेर हुए। गजनी प्रांत में तालिबान के ठिकानों पर की गई कार्रवाई में नौ आतंकी मारे गए।