अफगानिस्तान : दोहा वार्ता के दौरान भी हिंसा पर तालिबान को चेतावनी
अमेरिका-तालिबान समझौते को लागू कराने और शांति स्थापित करने के लिए नियुक्त विशेष प्रतिनिधि जालमे खलिलजाद ने हमलों को लेकर एक बार फिर तालिबान को कड़ी चेतावनी दी है। इसके अलावा उन्होंने कहा कि वे समझौते को लेकर आशावान हैं।
काबुल, एएनआइ। अफगानिस्तान में तमाम कोशिशों के बाद भी तालिबानी हमलों पर रोक नहीं लग पा रहा है। दोहा में चल रही वार्ता में भी अभी कोई नतीजा नहीं निकला है।
अमेरिका-तालिबान समझौते को लागू कराने और शांति स्थापित करने के लिए नियुक्त विशेष प्रतिनिधि जालमे खलिलजाद ने हमलों को लेकर एक बार फिर तालिबान को कड़ी चेतावनी दी है। साथ ही कहा कि वे समझौते को लेकर आशावान हैं और अपनी तरफ से पूरी कोशिश कर रहे हैं, लेकिन हिंसा की घटनाएं न रुकना चिंता की बात है।
इधर हेलमंद में हमलों पर ब्रिटेन के दूतावास ने चिंता जताते हुए कहा है कि यहां पर नागरिकों में दहशत है और लोग पलायन कर रहे हैं। नाटो ने दोहा में चल रही वार्ता से उम्मीद जताई है। तालिबानी प्रतिनिधि ने भी दोहा में चल रही वार्ता पर प्रतिक्रिया दी है और कहा है कि कुछ सार्थक परिणाम निकल सकते हैं।
अफगान में शांति के प्रयास
पिछले दिनों अफगानिस्तान में शांति के प्रयास फिर से शुरू किए गए थे। दोहा में अफगान सरकार के प्रतिनिधियों और तालिबान के बीच वार्ता के दौरान जिन बिंदुओं पर सहमति नहीं बन पाई ती, उन पर विचार किया गया। उम्मीद जताई जा रही है कि जल्द ही इसका कोई ठोस हल निकाल लिया जाएगा।
बता दें कि पहले हुई वार्ता के दौरान अफगान सरकार और तालिबान के बीच बीस मुद्दों में से अठारह पर सहमति बन गई थी, जबकि दो मुद्दों पर सहमति नहीं बन पाई थी। इनमें एक धार्मिक आधार वाला और दूसरा अमेरिका-तालिबान समझौता संबंधी है। इन दोनों ही मुद्दों पर तालिबान के प्रस्ताव को अफगान सरकार ने खारिज कर दिया था और हल के लिए कुछ विकल्प सुझाए।
तालिबान को पाकिस्तान में सक्रिय आतंकी संगठनों का मिल रहा साथ
पाकिस्तान स्थित जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा के विदेशी लड़ाके अफगानिस्तान में तालिबान का समर्थन कर रहे हैं। टोलो न्यूज ने हेलमंद के प्रांतीय गवर्नर यासीन खान के हवाले से बताया है कि अफगानिस्तान में अल कायदा, जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादियों की मौजूदगी है। उनके मुताबिक इन आतंकवादी संगठनों का तालिबान को साथ मिल रहा है।