Move to Jagran APP

तालिबान के जरिए अफगानिस्‍तान में प्रॉक्‍सी वार चला रहा है पाकिस्‍तान- अफगान एनएसए

अफगानिस्‍तान के एनएसए ने पाकिस्‍तान पर बेहद संगीन आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि तालिबान अफगानिस्‍तान में पाकिस्‍तान का प्रॉक्‍सी वार चलाए हुए है। आपको बता दें कि पिछले माह से अब तक पाकिस्‍तान को आरोपों के घेरे में खड़ा करने वाले ऐसे कई बयान सामने आए हैं।

By Kamal VermaEdited By: Published: Tue, 01 Jun 2021 04:03 PM (IST)Updated: Tue, 01 Jun 2021 04:07 PM (IST)
तालिबान के जरिए अफगानिस्‍तान में प्रॉक्‍सी वार चला रहा है पाकिस्‍तान- अफगान एनएसए
पहले भी अफगानिस्‍तान की तरफ से दिया गया ऐसा ही बयान

काबुल (एएनआई)। अफगानिस्‍तान के राष्‍ट्रीय सुरक्षा सलाहकार हमदुल्‍लाह मोहिब ने कहा है कि तालिबान अफगानिस्‍तान में पाकिस्‍तान का प्रॉक्‍सी वार चला रहा है। राष्‍ट्रपति अशरफ गनी के सिक्‍योरिटी एडवाइजर ने ये भी कहा है कि तालिबानी नेता हिबातुल्‍लाह अखुंदाजा ने अधिकारियों के साथ कोई बैठक नहीं रखी है। 12 माह बाद भी उनका कोई पता नहीं है। इतना ही नहीं, तालिबान को भी उनके बारे में कोई जानकारी नहीं है। उन्‍होंने कहा कि हम पहले ये जानना चाहते हैं कि हिबातुल्‍लाह हैं भी या नहीं। तालिबान को इसका जवाब देना चाहिए कि वो कहां हैं। खुफिया एजेंसी ने ये जानकारी दी है कि इतने दिनों से उन्‍हें किसी ने नहीं देखा है।

loksabha election banner

अफगानिस्‍तान के एनएसए का ये बयान उन खबरों के बीच आई है जिनमें कहा गया था कि पाकिस्तान ने इस्लामाबाद के खिलाफ अपनी हालिया टिप्पणी को लेकर अफगानिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार से संबंध तोड़ लिए हैं। अफगानिस्‍तान की खामा प्रेस एजेंसी के मुताबिक, हमदुल्‍लाह ने हाल ही में नांगरहर की एक रैली में हमदुल्‍लाह ने पाकिस्‍तान को वेश्‍यालय करार दिया था। उनके इस बयान पर इस्‍लामाबाद में मौजूद राजनेताओं ने कड़ी आपत्ति जताई थी।इस बयान के बाद पाकिस्‍तान के नेताओं का कहना था कि अफगानिस्‍तान के एनएसए ने सभी अंतरराज्‍य संचार नियमों को भी खारिज कर दिया है।

आपको यहां पर ये भी बता दें कि ये पहला मौका नहीं है कि जब अफगानिस्‍तान के एनएसए ने इस तरह का बयान दिया हो। इससे पहले उन्‍होंने पाकिस्‍तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई पर तालिबान को सीधे समर्थन देने का आरोप लगाया था। हालांकि, इन आरोपों को पाकिस्‍तान ने खारिज कर दिया था। पिछले दिनों अफगान अधिकारियों की तरफ से ये भी कहा गया था कि तालिबान पर किए गए हमले में करीब 1000 लड़ाके मारे गए हैं। वहीं, तालिबान ने इसको अफगानिस्‍तान का दुष्‍प्रचार करार दिया था। पिछले माह ही अफगानिस्‍तान के पूर्व और वर्तमान राष्‍ट्रपति ने भी पाकिस्‍तान और तालिबान की सांठगांठ को लेकर बयान दिए थे।

पूर्व राष्‍ट्रपति हामिद करजई ने तो यहां तक कहा था कि पाकिस्‍तान चाहता है कि अफगानिस्‍तान भारत से सभी संबंध तोड़ ले। उन्‍होंने ये भी कहा था कि तालिबान के जरिए पाकिस्‍तान अफगानिस्‍तान में राजनीतिक प्रभाव बढ़ाना चाहता है। वहीं मौजूदा राष्‍ट्रपति अशरफ गनी ने कहा था कि पाकिस्‍तान उनके देश की बदहाली के लिए सबसे अधिक जिम्‍मेदार है। उन्‍होंने आरोप लगाया था कि तालिबान को पाकिस्‍तान से पूरा समर्थन हासिल है और पाकिस्‍तान की सरकार और सेना उसको मदद करती है। इतना ही नहीं, तालिबान के लड़ाके और उसकी फंडिंग का इंतजाम भी पाकिस्‍तान ही करता है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.