डोंगशा द्वीप समूह पर ताइवान ने भेजे और नौसैनिक, चीन के साथ तनाव बढ़ने की आशंका
नौसेना ने डोंगशा द्वीपों की रक्षा के लिए सेना की अतिरिक्त कंपनियां भेजी गई हैं और सेना सबसे बुरी स्थिति के लिए तैयार है।
ताइपे, एएनआइ। ताइवान की सेना ने चीन के दावे वाले डोंगशा द्वीपसमूह पर और अधिक नौसैनिक भेजे हैं। उसने यह कदम उस खबर के बाद उठाया है, जिसमें कहा गया है कि चीन कथित तौर पर इस द्वीप समूह पर एक नकली आक्रमण (मॉक इनवेशन) को अंजाम देने की योजना बना रहा है। बता दें कि इस संबंध में सोमवार को जापान की क्योदो न्यूज एजेंसी ने पीएलए नेशनल डिफेंस यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर ली डागुआंग द्वारा हांगकांग की एक पत्रिका में लिखे गए लेख का हवाला दिया था। इसमें दावा किया गया था कि पीएलए नौसेना डोंगशा द्वीपसमूह पर नकली आक्रमण से पहले चीन के हैनान द्वीप पर युद्धाभ्यास करेगी। हालांकि बाद में ली ने अपने लेख का यह कहते हुए खंडन कर दिया कि वह क्योदो न्यूज एजेंसी द्वारा पूर्व में प्रकाशित लिखे लेख का उल्लेख कर रहे थे।
मई में इस तरह की रिपोर्ट सामने आने के बाद अलर्ट पर चल रहे ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि ना केवल पीएलए नकली आक्रमण की योजना बना रहा है बल्कि चीन सरकार द्वारा समर्थित ग्लोबल टाइम्स ने इसके वास्तविक आक्रमण होने की भी बात कही है। 30 जुलाई को डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी के विधायक वांग टिंग-यू को कॉमनवेल्थ मैगजीन द्वारा यह कहते हुए उद्धृत किया गया था कि नौसेना ने डोंगशा द्वीपों की रक्षा के लिए सेना की अतिरिक्त कंपनियां भेजी गई हैं और सेना सबसे बुरी स्थिति के लिए तैयार है। चीन को कड़ी चेतावनी देते हुए वांग ने कहा कि अगर दुश्मन सेना ने डोंगशा द्वीपसमूह पर कब्जा कर लिया, तो सेना ने एक 'बॉर्डर प्रोटेक्शन बैटल प्लान' तैयार किया है, जिसमें वायुसेना के विशेष ऑपरेशन बल, समुद्री और हवाई मार्ग से जवाबी कार्रवाई करने के लिए नौसेना के साथ सहयोग करेंगे।
99वीं मरीन ब्रिगेड को दिया गया है 'आयरन फोर्स' का नाम
वांग ने बताया कि मई में 99वीं मरीन ब्रिगेड को 'आयरन फोर्स' का उपनाम दिया गया। 20 वर्षो में पहली बार डोंगशा द्वीपसमूह में इनको तैनात किया गया था। उन्होंने कहा कि ब्रिगेड अमेरिकी सेना द्वारा प्रशिक्षित सैन्य बल है, जो जमीनी और हवाई हमलों के खिलाफ रक्षा करने में पूरी सक्षम है। उन्होंने कहा कि द्वीपों का इलाका पूरी तरह सपाट है और बचाव करना मुश्किल है। इस प्रकार सेना ने सबसे खराब स्थिति वाली योजना का मसौदा तैयार किया है।