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ताइवान की संसद में सत्तापक्ष और विपक्ष के सांसदों में हाथापाई, संसद भवन का भी किया घेराव

20 से अधिक केएमटी सांसदों ने रविवार-सोमवार की रात संसद भवन को घेर लिया और मुख्य कक्ष की ओर जाने वाले मार्ग को जंजीर और कुर्सियां लगाकर बंद कर दिया

By Dhyanendra SinghEdited By: Published: Mon, 29 Jun 2020 06:38 PM (IST)Updated: Mon, 29 Jun 2020 06:38 PM (IST)
ताइवान की संसद में सत्तापक्ष और विपक्ष के सांसदों में हाथापाई, संसद भवन का भी किया घेराव
ताइवान की संसद में सत्तापक्ष और विपक्ष के सांसदों में हाथापाई, संसद भवन का भी किया घेराव

ताइपे, रायटर। सोमवार को ताइवान की संसद में सत्तारूढ़ डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी (DPP) और मुख्य विपक्षी दल केएमटी के सांसद आपस में भिड़ गए। ताइवान में एक उग्र लोकतंत्र है और वहां के संसद भवन के अंदर विरोध-प्रदर्शन असामान्य बात नहीं है। खास बात यह है कि विपक्षी केएमटी पारंपरिक रूप से चीन के साथ घनिष्ठ संबंधों की पक्षधर है। चीन ताइवान पर अपना दावा करता है।

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दरअसल, 20 से अधिक केएमटी सांसदों ने रविवार-सोमवार की रात संसद भवन को घेर लिया और मुख्य कक्ष की ओर जाने वाले मार्ग को जंजीर और कुर्सियां लगाकर बंद कर दिया। विपक्षी केएमटी सांसदों का आरोप था कि सरकार कानून के जरिये जोर-जबरदस्ती कर रही है। यह लोग राष्ट्रपति से उच्चस्तरीय वॉचडॉग कमेटी के लिए अपने करीबी सहयोगी के नामांकन को वापस लेने की भी मांग कर रहे थे।

सोमवार सुबह जब सत्तारूढ़ सांसदों को इसका पता चला तो वह संसद भवन पहुंचे और लगाए गए जंजीर और कुर्सियों को खींचकर गिरा दिया। इस पर डीपीपी और केएमटी सांसदों में हाथापाई होने लगी। हालांकि थोड़ी देर बाद सत्तारूढ़ सांसदों पर मारपीट का आरोप लगाते हुए केएमटी के सांसद वहां से चले गए।

राष्ट्रपति चुनाव में बुरी तरह से हार गई थी केएमटी

बता दें कि केएमटी जनवरी के संसदीय और राष्ट्रपति चुनावों में बुरी तरह से हार गई थी। रविवार को देर रात संसद में उनका विरोध शुरू हुआ। मुख्य विपक्षी पार्टी कुओमिन्तांग पारंपरिक रूप से चीन के साथ घनिष्ठ संबंधों का पक्षधर है, जो ताइवान को अपना क्षेत्र मानता है।

केएमटी ने कहा कि वह डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी और राष्ट्रपति त्साई इंग-वेन द्वारा कंट्रोल युआन नामक सरकारी निगरानी की संस्था की अध्यक्षता के लिए अपने वरिष्ठ सहयोगी चेन चू के नामांकन का विरोध कर रहे हैं। केएमटी ने एक बयान में कहा कि इस साल त्साई सरकार पहले की तुलना में अधिक अत्याचारी हो गई है और त्साई की हठ ने केएमटी को संसद का बहिष्कार करने के लिए विधानमंडल युआन पर कब्जा करने के अलावा कोई विकल्प नहीं छोड़ा था।


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