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COVID-19 को हराने में विज्ञान व तकनीक में मजबूत साझेदारी की जरूरत: भारत-जापान

दुनिया भर में मौजूद महामारी के संकट से निजात के लिए भारत और जापान ने विज्ञान और तकनीक के क्षेत्र में साझीदारी को मजबूत बनाने पर जोर दिया है।

By Monika MinalEdited By: Published: Sat, 11 Jul 2020 03:28 PM (IST)Updated: Sat, 11 Jul 2020 03:28 PM (IST)
COVID-19 को हराने में विज्ञान व तकनीक में मजबूत साझेदारी की जरूरत: भारत-जापान
COVID-19 को हराने में विज्ञान व तकनीक में मजबूत साझेदारी की जरूरत: भारत-जापान

संयुक्त राष्ट्र, प्रेट्र। संयुक्त राष्ट्र में भारत और जापान ने कहा है कि विज्ञान, तकनीक व इनोवशन में मजबूत साझाीदारी महामारी से निपटने में महत्वपूर्ण कदम होगा। इस महामारी से दुनिया भर के 1 करोड़ 24 लाख से अधिक लोग संक्रमित हो चुके हैं और मरने वालों की कुल संख्या 5 लाख 60 हजार है।  भारत के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार कार्यालय के वैज्ञानिक सचिव, डॉ अरबिंद मित्रा ( Dr Arabinda Mitra) ने शुक्रवार को यहां साइंस, टेक्नोलॉजी एंड इनोवेशन (STI) सत्र पर संयुक्त बयान देते हुए कहा कि जापान और भारत ने पिछले महीने कई द्विपक्षीय एवं बहु-हितधारक बैठकों का आयोजन किया।

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उन्होंने कहा, '2020 के उच्च स्तरीय राजनीतिक मंच सत्र एसटीआई में जापान और भारत की तरफ से कहा, 'हमारा मानना है कि मजबूत एसटीआई सहयोग कोविड-19 के लिए हमारे ग्रुप एक्शन के साथ ही समावेशी एवं सतत विकास के नींव पर निर्माण कर, मानव सुरक्षा को हासिल करने के लक्ष्य को गति देने में अहम है।' सतत विकास लक्ष्य (SDG ) की रूपरेखा के लिए STI पर वैश्विक प्रायोगिक कार्यक्रम के सदस्य के तौर पर इन दो देशों ने बैठकों का आयोजन किया।  

उन्होंने कहा कि जापान और भारत ने सतत विकास लक्ष्य के कई क्षेत्रों में अत्याधुनिक प्रौद्योगिकियों को लागू करने में अपना सहयोग देने की पेशकश की है।  इनमें एसटीआई पर संयुक्त राष्ट्र अंतर एजेंसी कार्य बल के साथ सहयोग करना, अफ्रीका से प्रारंभिक देशों और क्षेत्र में देशों का समर्थन करने में, सतत विकास लक्ष्य की रूपरेखा के लिए उनके एसटीआई को तैयार करना और लागू करने में मदद करना शामिल है। मित्रा ने कहा कि यह दक्षिण-दक्षिण एवं त्रिकोणीय सहयोग की भावना में अनुभव, ज्ञान एवं क्षमताओं को साझा करने से सक्षम होगा। SDGs के रोडमैप के लिए  STI पर वैश्विक पायलट प्रोग्राम का ऐलान पिछले साल उच्चस्तरीय राजनीतिक फोरम के दौरान हुआ था। इसमें घाना इथियोपिया, केन्या,भारत और सर्बिया को अहम स्थान दिया गया था।  


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