सेना प्रमुख पर अमेरिकी पाबंदी से श्रीलंका खफा, कहा- मिली गलत जानकारी
श्रीलंका ने अपने सेना प्रमुख शावेंद्र सिल्वा पर अमेरिका द्वारा प्रतिबंध लगाने को लेकर कड़ी आपत्ति जताई है।
कोलंबो, प्रेट्र। अपने सेना प्रमुख शावेंद्र सिल्वा पर अमेरिका द्वारा प्रतिबंध लगाने से नाराज श्रीलंका की सरकार ने कड़ी आपत्ति जताई है। युद्ध अपराध के लिए लेफ्टिनेंट जनरल शावेंद्र सिल्वा पर अमेरिका द्वारा यात्रा प्रतिबंध लगाने पर श्रीलंका का कहना है कि यह निर्णय अपुष्ट सूचना के आधार पर लिया गया है। विदेश मंत्री दिनेश गुणवर्धना ने रविवार को कहा कि 2009 में सैन्य कमांडर सिल्वा आतंकी संगठन लिट्टे के खिलाफ जंग लड़ रहे थे।
अमेरिका ने श्रीलंका के सेना प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल शावेंद्रा सिल्वा पर युद्ध अपराधों के लिए प्रतिबंध लगा दिया है। उन पर यात्रा, आर्थिक मामलों समेत कई तरह के प्रतिबंध लागू होंगे। बता दें कि सिल्वा को 2019 में प्रोन्नत कर सेना प्रमुख बनाया गया था। इससे पहले वह सेना की 58 डिवीजन के प्रमुख थे।
मानवाधिकार उल्लंघन का आरोप
श्रीलंका के जाफना प्रायद्वीप में लिट्टे के खिलाफ 2009 में निर्णायक लड़ाई के दौरान सेना की 58वीं डिवीजन की अगुवाई कर रहे सिल्वा पर बड़े पैमाने पर मानवाधिकार उल्लंघन का आरोप है। संयुक्त राष्ट्र (यूएन) की रिपोर्ट के मुताबिक, जंग के अंतिम महीने में सेना ने 45 हजार के करीब तमिल लड़ाकों को मौत के घाट उतार दिया था। इसी के मद्देनजर अमेरिकी सरकार ने पिछले हफ्ते सिल्वा और उनके परिवार के सदस्यों के अमेरिका में घुसने पर पाबंदी लगा दी। श्रीलंका के मुख्य विरोधी दल के नेता सजित प्रेमदासा ने भी अमेरिकी निर्णय पर आपत्ति जताई है।