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तानाशाह किम जोंग उन से सहमा दक्षिण कोरिया, सुरक्षा के लिए अब बनाई है एक खास रणनीति

दक्षिण कोरिया ने अपनी सैन्‍य क्षमता को बढ़ाने का एलान किया है। ऐसा दक्षिण कोरिया से संभावित खतरे को देखते हुए किया गया है। इसके तहत दक्षिण कोरिया ने अंडरवाटर सबमरीन बैलेस्टिक मिसाइल टेस्‍ट करने की भी बात कही है।

By Kamal VermaEdited By: Published: Thu, 14 Jan 2021 10:08 AM (IST)Updated: Thu, 14 Jan 2021 11:39 AM (IST)
तानाशाह किम जोंग उन से सहमा दक्षिण कोरिया, सुरक्षा के लिए अब बनाई है एक खास रणनीति
दक्षिण कोरिया को है उत्‍तर कोरिया से डर

सिओल (एजेंसी)। कोरियाई प्रायद्वीप में एक बार फिर से उत्‍तर और दक्षिण कोरिया के बीच दूरियां बढ़ती दिखाई दे रही हैं। इसकी वजह उत्‍तर कोरिया प्रमुख का वो बयान है जिसमें उन्‍होंने अपने परमाणु हथियारों के जखीरे को बढ़ाने की बात कही है। किम के बयान से सहमे दक्षिण कोरिया ने भी अब इसको देखते हुए अपनी सुरक्षा के लिए सैन्‍य क्षमता को आगे बढ़ाने की बात कही है। दक्षिण कोरिया ने कहा है कि वो उत्‍तर कोरिया से लॉन्‍च की जाने वाली मध्‍यम दूरी की मिसाइलों से बचाव के लिए ने कहा है कि अपनी सैन्‍य क्षमता को और अधिक उन्‍नत रूप देगा।

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उत्‍तर कोरिया की समाचार एजेंसी यॉनहॉप के मुताबिक दक्षिण कोरिया ने कहा है कि वो इस वर्ष सबमरीन से लॉन्‍च की जाने वाली बैलेस्टिक मिसाइल (SLBM) का अंडरवाटर परीक्षण करेगा। इस बैलेस्टिक मिसाइल का नाम Hyunmoo-2B है, जिसकी रेंज करीब 500 किमी है। रक्षा अधिकारियों के मुताबिक इस मिसाइल को 3000 टन क्‍लास की सबमरीन से लॉन्‍च किया जा सकेगा। पिछले वर्ष ही दक्षिण कोरिया ने इस मिसाइल जमीन से परीक्षण किया था। हालांकि दक्षिण कोरिया ने अब तक इस बात का खुलासा नहीं किया है कि वो इसके लिए किस तरह के प्‍लेटफॉर्म का इस्‍तेमाल करेगा। इस बारे में पूछे जाने पर रक्षा अधिकारियों ने कोई भी जानकारी देने से साफ इनकार कर दिया है। उनका कहना है कि दक्षिण कोरिया इस पूरे प्रायद्वीप में शांति चाहता है। इसके अलावा अपनी रक्षा और सुरक्षा उसकी सबसे पहली प्राथमिकता है। इसके लिए वो अपने प्रयास निरंतर जारी रखेगा।

आपको यहां पर ये भी बता दें कि दक्षिण कोरिया ने अपनी रक्षात्‍मक तैयारियों को धार देना कुछ समय से ही शुरू किया है। हाल ही में उत्‍तर कोरिया में हुई सत्‍ताधारी पार्टी की कांग्रेस की बैठक के अंतिम दिन राष्‍ट्र प्रमुख किम जोंग उन ने जिस तरह की बातें कहीं थी उसकी वजह से इनमें तेजी आती दिखाई दे रही है। किम ने बैठक के अंतिम दिन ये साफ कर दिया था कि अमेरिका से किसी समझौते पर न पहुंचने के बाद अब वो दोबारा अपने परमाणु हथियारों की ताकत को बढ़ाने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ेगा। इस बार में सवाल पूछे जाने पर दक्षिण कोरिया के रक्षा मंत्रालय के प्रवक्‍ता ने कहा कि वो फिलहाल इस चीज की जानकारी जुटा रहे हैं कि उत्‍तर कोरिया किस तरह का रुख इख्तियार करता है।

प्रवक्‍ता का ये भी कहना है कि दक्षिण कोरिया के पास उत्‍तर कोरिया की मध्‍यम दूरी की मिसाइलों से बचाव की क्षमता मौजूद है। गौरतलब है कि उत्‍तर कोरिया में बीते पांच वर्षों में कांग्रेस की पहली बार बैठक बुलाई गई थी। इस बैठक में किम ने अधिकारियों को ऐसे छोटे, हल्‍के परमाणु हथियार बनाने का आदेश दिया है जिनकी मारक क्षमता अधिक हो। इसके अलावा उन्‍होंने न्‍यूक्लियर पावर सबमरीन के डेवलेपमेंट में भी तेजी लाने की बात कही है। किम ने कहा है कि ऐसी मिसाइल क्षमता विकसित की जानी चाहिए जो 15 हजार किमी दूर अमेरिका की मुख्‍य भूमि को निशाना बना सके। गौरतलब है कि उत्‍तर कोरिया प्रमुख की अमेरिकी राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप से तीन बार शिखर वार्ता हुई थी। हर बार ये शिखर वार्ता बेनतीजा ही रही। अब जबकि अमेरिका में सत्‍ता का हस्‍तांतरण होने जा रहा है तो किम के बयानों की आक्रामकता एक बार फिर कोरियाई प्रायद्वीप को खतरे में डालती दिखाई दे रही है।


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