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कोरोना से जूझ रहा दक्षिण कोरिया संसदीय चुनाव तैयारी में जुटा, जानिए मरीजों को किस तरह से मिलेगा मौका

कोरोना वायरस के प्रकोप से जूझ रहे दक्षिण कोरिया ने 15 अप्रैल को संसदीय चुनाव कराने की तैयारी शुरू कर दी है। इसके लिए गुरुवार से दो हफ्ते के प्रचार अभियान की शुरुआत हो गई।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Thu, 02 Apr 2020 10:10 PM (IST)Updated: Thu, 02 Apr 2020 10:10 PM (IST)
कोरोना से जूझ रहा दक्षिण कोरिया संसदीय चुनाव तैयारी में जुटा, जानिए मरीजों को किस तरह से मिलेगा मौका
कोरोना से जूझ रहा दक्षिण कोरिया संसदीय चुनाव तैयारी में जुटा, जानिए मरीजों को किस तरह से मिलेगा मौका

सियोल, रायटर। कोरोना वायरस के प्रकोप से जूझ रहे दक्षिण कोरिया ने 15 अप्रैल को संसदीय चुनाव कराने की तैयारी शुरू कर दी है। इसके लिए गुरुवार से दो हफ्ते के प्रचार अभियान की शुरुआत हो गई। चुनाव में सभी के मताधिकार को सुनिश्चित करने के लिए कोरोना पीड़ि‍तों को ईमेल के जरिये वोट देने की छूट दी गई है। दक्षिण कोरिया में 89 नए मामलों के साथ संक्रमितों की संख्या बढ़कर 9,976 हो गई है। देश में अब तक 169 लोगों की जान गई है।

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चार हजार मरीजों को ईमेल से मतदान करने का मिलेगा मौका 

दक्षिण कोरिया के मतदाता नेशनल असेंबली (संसद) के 300 सदस्यों को चुनने के लिए 15 अप्रैल को मतदान करेंगे। कोरोना महामारी के बीच इस चुनाव को किसी चुनौती से कम नहीं माना जा रहा। सवाल उठ रहे हैं कि मतदान केंद्रों पर संक्रमण के खतरे पर किस तरह अंकुश लगाया जाएगा।

सभी वोटरों से मास्क पहनकर मतदान केंद्रों में आने का आग्रह

गृहमंत्री चिन यंग ने कहा, 'इलाज करा रहे करीब चार हजार मरीज ईमेल के जरिये मतदान कर सकेंगे।' उन्होंने बताया कि सरकार उन लोगों के मताधिकार को भी सुनिश्चित करने के लिए संभावनाएं तलाश रही है, जिनका टेस्ट पॉजिटिव नहीं पाया गया है और वे सेल्फ क्वारंटाइन में हैं। दक्षिण कोरिया के राष्ट्रीय चुनाव आयोग ने सभी वोटरों से मास्क पहनकर मतदान केंद्रों में आने का आग्रह किया है। सैनिटाइजर और ग्लव्स का उपयोग भी करने के लिए कहा गया है।

दक्षिण कोरिया ने ट्रिपल टी के फार्मूले पर काम कर लगाई कोरोना पर रोक 

दक्षिण कोरिया ने कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों को देखते हुए वहां की सरकार ने ट्रिपल टी फार्मूले पर काम किया। इसमें पहले मरीज की पहचान फिर उसकी जांच और फिर इलाज शामिल था। अंग्रेजी में कहें तो इसको Trace-Test-Treat कहा जाएगा। यहां पर इसका पहला मामला 20 जनवरी को सामने आया था। एक महिला को जांच के बाद इस वायरस से संक्रमित पाया गया था। ये महिला कुछ समय पहले ही वुहान से वापस आई थी। इसके बाद यहां पर बड़ी तेजी से कोरोना वायरस के मामले बढ़ गए थे। 

चर्च की प्रार्थना में शामिल लोगों को किया गया था ट्रेस 

दरअसल, जो महिला वुहान से वापस लौटी थी उसने इस चर्च की प्रार्थना सभा में हिस्‍सा लिया था। इसके बाद यहां शामिल हुए ज्‍यादातर लोग इसकी चपेट में आ गए थे। मामला सामने आते ही और मरीज की लोकेशन ट्रेस होते ही प्रशासन ने सबसे पहले इस चर्च के सभी दो लाख सदस्‍यों की सूची हासिल की। इसके बाद इन सभी की जांच की गई भले ही उस दिन वो व्‍यक्ति चर्च में गया था या नहीं। इस दौरान सभी को क्‍वारंटाइन किया गया। जो इस जांच के बाद संक्रमित पाए गए उनका पूरा इलाज किया गया।


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