ईरान परमाणु समझौता बचाने के लिए छह देशों की बैठक, सभी पक्ष समझौते को लेकर प्रतिबद्ध
ब्रिटेन फ्रांस और जर्मनी ने संयुक्त राष्ट्र को लिखे पत्र में ईरान पर परमाणु हमला करने में सक्षम बैलिस्टिक मिसाइल विकसित करने का आरोप लगाया है।
वियना, एएफपी। ईरान द्वारा परमाणु कार्यक्रम की सीमा का उल्लंघन करने के संकल्प के बीच परमाणु समझौते पर दस्तखत करने वाले देशों की एक बैठक हुई है। परमाणु समझौता बचाए रखने के लिए ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी, चीन, रूस और ईरान के प्रतिनिधियों ने तीन घंटे तक विचार-विमर्श किया। यह जुलाई के बाद इन छह देशों की पहली बैठक है।
ईरान ने किया परमाणु समझौते का उल्लंघन
मई के बाद से ईरान ने समझौते का उल्लंघन करते हुए कई कदम उठाए हैं। इनमें यूरेनियम संवर्द्धन का काम भी शामिल है। ईरान का कहना है कि अमेरिका द्वारा 2018 में संधि से बाहर आने और उस पर प्रतिबंध लगाए जाने के बाद उसे इस तरह के कदम उठाने का अधिकार है।
सभी सदस्य समझौते के प्रति प्रतिबद्ध- चीन
चीनी प्रतिनिधिमंडल के प्रमुख कांग फू ने पत्रकारों से कहा कि सभी पक्ष समझौते के प्रति प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने कहा कि सभी पक्षों को ऐसे कदम उठाने से बचना होगा, जिससे हालत और जटिल हो जाए। संभवत: अमेरिका को छोड़कर इस मुद्दे को सुरक्षा परिषद में ले जाने में किसी की दिलचस्पी नहीं है।
मतभेदों के बावजूद सभी पक्ष पूरी तरह समझौते को लेकर प्रतिबद्ध- रूस
रूस के प्रतिनिधि मिखाइल उल्यानोव ने ट्वीट किया कि तमाम कठिनाइयों और मतभेदों के बावजूद सभी पक्ष पूरी तरह समझौते को लेकर प्रतिबद्ध हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि यदि ईरान पर संयुक्त राष्ट्र का प्रतिबंध फिर से लगाया जाता है और यह संधि विफल होती है, तो वह परमाणु अप्रसार संधि से भी बाहर आ सकता है।
परमाणु हमला करने में बैलिस्टिक मिसाइल विकसित करने का आरोप गलत-ईरान
ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी ने संयुक्त राष्ट्र को लिखे पत्र में ईरान पर परमाणु हमला करने में सक्षम बैलिस्टिक मिसाइल विकसित करने का आरोप लगाया है। हालांकि, ईरानी विदेश मंत्री जवाद जरीफ ने इसे झूठ करार दिया है।