अब सिंगापुर की एंट्री लिस्ट में इन देशों के नाम हुए शामिल, धीरे-धीरे विदेशी पर्यटकों को दी जा रही अनुमति
दुनिया भर में कोरोना वायरस संक्रमण के बाद अब दोबारा जिंदगी बहाल करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। इस क्रम में सिंगापुर ने विक्टोरिया स्टेट को छोड़ ऑस्ट्रेलिया व वियतनाम के पर्यटकों की एंट्री पर से रोक हटाने का फैसला कर लिया है।
सिंगापुर, एपी। अगले सप्ताह से सिंगापुर (Singapore) कई अन्य देशों से पर्यटकों को प्रवेश की अनुमति दे रही है जिसमें वियतनाम और ऑस्ट्रेलिया के नाम हैं केवल यहां का कोविड-19 संक्रमित और हॉट स्पॉट रहे विक्टोरिया स्टेट से लोगों के प्रवेश की अनुमति नहीं होगी। पिछले माह यहां ब्रुनेई और न्यूजीलैंड से पर्यटकों की एंट्री पर से रोक हटी थी। बता दें कि सिंगापुर काफी एहतियात और सावधानीपूर्वक अपनी सीमाओं को दोबारा खोल रहा है ताकि ठप पड़ा इसका एयरपोर्ट दोबारा बहाल हो सके।
विमानन अधिकरण (aviation authority) ने कहा है कि इन दोनों देशों से संक्रमण के मामलों के आने का खतरा कम है। यहां पहुंचने के बाद पर्यटकों को वायरस स्वैब टेस्ट कराना जरूरी होगा। इसके साथ ही संपर्क तलाशी के लिए मोबाइल एप और बगैर ट्रांजिट सीधी उड़ानें के जरिए यात्रा के नियम भी होंगे।
वियतनाम और ऑस्ट्रेलिया के लिए लिया गया यह फैसला 8 अक्टूबर से लागू होगा। सिंगापुर का यह कदम एकतरफा है और अन्य चार देशों ने इसे खारिज नहीं किया है। लेकिन परिवहन मंत्री ओंग ये कुंग ( Transport Minister Ong Ye Kung) ने बुधवार को एक फेसबुक पोस्ट में कहा कि अपनी सीमाओं के सुरक्षित शुरुआत के प्रत्येक चरण के साथ, हम चांगी हवाई अड्डे को फिर से शुरू करने जा रहे हैं।
सिंगापुर महामारी की शुरुआत के तुरंत बाद इसे नियंत्रित करने में सफल रहा था क्योंकि पूरी तरह पैक डॉरमिट्री में रहने वाले विदेशी वर्करों के बीच संक्रमण के मामले थे। बता दें कि कोविड-19 संक्रमण के 57,000 से अधिक मामलों की यहां पुष्टि हुई और इसके कारण मरने वालों की संख्या 27 है।
अमेरिका की जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी (Johns Hopkins University) के अनुसार, दुनिया भर में संक्रमण का आंकड़ा गुरुवार सुबह 3 करोड़ 38 लाख 74 हजार 2 सौ 83 हो गया और मरने वालों की संख्या 10 लाख 12 हजार 8 सौ 94 हो गई। यूनिवर्सिटी के सेंटर फॉर सिस्टम्स एंड इंजीनियरिंग (CSSE) ने अपने नवीनतम अपडेट में यह जानकारी देते हुए बताया कि पूरी दुनिया संक्रमण के चपेट में है और इसके कारण अमेरिका की स्थिति काफी बदहाल है।