पाकिस्तान में ईसाई समुदाय के साथ उत्पीड़न का विरोध, संयुक्त राष्ट्र के बाहर हुआ मौन प्रदर्शन
पाकिस्तान में ईसाइयों और अन्य धार्मिक अल्पसंख्यकों को द्वितीय श्रेणी के नागरिक के रूप में माना जाता है।
जेनेवा, एएनआइ। पाकिस्तान में दुर्भावनापूर्ण ईशनिंदा कानून और जबरन धर्मांतरण को खत्म करने के लिए एकजुटता में आवाज उठाने के लिए संयुक्त राष्ट्र कार्यालय के सामने शनिवार को एक मौन प्रदर्शन आयोजित किया गया। पाकिस्तान में ईसाइयों समेत अन्य धार्मिक अल्पसंख्यकों के साथ चल रही बदसलूकी एक बहुत बड़ा मुद्दा है जिन पर अभी भी संयुक्त राष्ट्र या अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों द्वारा ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
पाकिस्तान में ईसाइयों और अन्य धार्मिक अल्पसंख्यकों को द्वितीय श्रेणी के नागरिक के रूप में माना जाता है। देश का ईसाई समुदाय भेदभाव, असहिष्णुता और एकमुश्त उत्पीड़न की घटनाओं को झेल रहा है।
चर्च जैसे धार्मिक स्थान ईसाई उत्पीड़न के लिए एक आसान लक्ष्य बन गए हैं। प्रदर्शनकारियों के मुताबिक इस्लामी गणराज्य, पाकिस्तान में इसाई, हिंदू और अन्य धार्मिक अल्पसंख्यकों के साथ कई रूपों में नियमित रूप से भेदभाव और उत्पीड़न किया जाता है।
पाकिस्तान के कासूर जिले में एक मुस्लिम मकान मालिक द्वारा एक 22 वर्षीय पाकिस्तानी ईसाई युवक को बुरी तरह से प्रताड़ित किया गया। इसके पीछे कारण बताया गया है कि उसने मकान मालिक के नलकूप का इस्तेमाल नहाने करने के लिए किया था। तीन दिन बाद, गंभीर चोटों के कारण उसकी मौत हो गई। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि अपहरण, यौन उत्पीड़न, जबरन शादी और जबरन धर्म परिवर्तन जैसी घटनाओं ने भी पाकिस्तान के इसाई समुदाय को नकारात्मक रूप से प्रभावित किया है।
प्रदर्शनकारियों ने संयुक्त राष्ट्र से आग्रह किया कि वो पाकिस्तान में ईसाई महिलाओं और लड़कियों के संरक्षण पर ध्यान दें। उन्होंने कहा कि यहां अक्सर महिलाओं के साथ बलात्कार किया जाता है और फिर जबरन उनकी मुस्लिम पुरुषों से शादी करा दी जाती है। प्रदर्शनकारियों ने संयुक्त राष्ट्र से कहा है कि पाकिस्तानी सरकार उन कानूनों को पारित करे जो देश में इसाइयों और अन्य धार्मिक अल्पसंख्यकों की रक्षा करेंगे।
इसाई लड़की को किया गया अगवाह
कुछ दिन पहले पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में लाहौर शहर के युहानाबाद इलाके में एक ईसाई लड़की को स्थानीय मुस्लिम लोगों ने बंदूक की नोक पर अगवा कर लिया था। बताया गया था कि दो से तीन लोगों ने लड़की का उस वक्त अपहरण कर लिया जब वह इलाके में एक फैक्ट्री के वाहन का इंतजार कर रही थी।