Move to Jagran APP

जानिए, क्‍यों स्‍कॉटलैंड के डॉक्‍टर मरीजों को दे रहे 'तारे गिनने' और 'ओस पर चलने' की सलाह

डॉक्‍टर अब मरीज को उसकी जरूरत के मुताबिक दवाइयों के साथ-साथ कुदरत की डोज लेने की भी सलाह दे रहे हैं।

By Tilak RajEdited By: Published: Thu, 18 Oct 2018 12:46 PM (IST)Updated: Thu, 18 Oct 2018 12:46 PM (IST)
जानिए, क्‍यों स्‍कॉटलैंड के डॉक्‍टर मरीजों को दे रहे 'तारे गिनने' और 'ओस पर चलने' की सलाह
जानिए, क्‍यों स्‍कॉटलैंड के डॉक्‍टर मरीजों को दे रहे 'तारे गिनने' और 'ओस पर चलने' की सलाह

नई दिल्‍ली, एजेंसी। क्‍या कभी आपको किसी डॉक्‍टर ने पर्चे पर 'तारे गिनने', सुबह 'ओस पर नंगे पाव चलने' और 'हवा को महसूस' करने की सलाह दी है? आमतौर पर डॉक्‍टर पर्चे पर सिर्फ दवाइयों के नाम ही लिखकर देते हैं। लेकिन स्‍कॉटलैंड में इन दिनों डॉक्‍टर्स मरीजों को पर्चे पर दवाइयों के नाम के साथ ऐसी ही कुदरती सलाह लिखकर दे रहे हैं। स्‍कॉटलैंड के डॉक्‍टर्स का कहना है कि कुदरत के करीब जाने से मरीजों के काफी रोग जल्‍दी दूर हो सकते हैं।

loksabha election banner

इन दिनों स्‍कॉटलैंड के डॉक्‍टर्स मरीजों को दवाई के साथ-साथ गीली घास पर नंगे पांव घूमने, बादलों को देखने, जानवरों को पालने, कलाकृतियां बनाने, पक्षियों को निहारने, रात में तारों को गिनने और समुद्र किनारे बैठने की सलाह दे रहे हैं। मरीज भी इन कुदरती सलाहों को मान रहे हैं। दरअसल, स्‍कॉटलैंड की ज्‍वॉइंट मेडिकल बॉडी एनएचएस शेटलैंड और देश की सबसे बड़ी सरकारी लैब आरएसपीबी स्‍कॉटलैंड ने मिलकर ये निर्णय किया है कि मरीजों को कुदरत के करीब लाना चाहिए। बता दें कि देश के सभी बड़े अस्‍पताल और डॉक्‍टर्स इन दोनों संस्‍थाओं से ही जुड़े हैं।

यही वजह है कि हर डॉक्‍टर अब मरीज को उसकी जरूरत के मुताबिक दवाइयों के साथ-साथ कुदरत की डोज लेने की भी सलाह दे रहे हैं। इन दोनों संस्‍थाओं द्वारा इसे एक नियम के तौर पर अपनाते हुए गाइडलाइन भी जारी कर दी गई हैं। डॉक्‍टर्स ने साल के हर महीने के लिए अलग-अलग 'नेचर प्‍लान' तैयार किए हैं। साथ ही देश के हर नागरिक से अनुरोध किया गया है कि इन गाइडलाइन का पालन करें, क्‍योंकि ये उन्‍हें सेहतमंद बनाने में काफी मदद करेगा।

डॉक्‍टरों का मानना है कि मरीजों का प्राकृति के करीब रहना उन्‍हें डिप्रेशन, तनाव और दिल की बीमारियों से बचने में मदद करेगा। उनका कहना है कि हरियाली और कुदरत के करीब रहने से दिल से जुड़ी बीमारियों का खतरा 20 फीसद तक कम हो जाता है। वहीं 90 मिनट तक कुदरत के करीब रहने पर हम 2 दिन तक के लिए डिप्रेशन और तनाव के खतरे से दूर रह सकते हैं। साथ ही 21 दिन तक नेचुरल एक्टिविटी करने पर व्‍यक्ति के खुद अच्‍छा महसूस करने की संभावना 30 फीसद तक बढ़ जाती है।

वैसे भारत में गीली घास पर नंगे पांव घूमने, बादलों को देखने, रात में तारों को गिनने और समुद्र किनारे बैठने की सलाह कोई नई नहीं है। यहां लाखों लोग आपको ऐसा करते हुए दिख जाएंगे। आयुर्वेद में हजारों साल से ऐसी सलाह दी जाती है। अब विदेश में भी इसका चलन शुरू हो गया है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.