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Russia Ukraine War: फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने रूस-यूक्रेन युद्ध को बीच दी चेतावनी, मोल्दोवा को सावधान रहने की दी सलाह

फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने यूक्रेन युद्ध को लेकर एक चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि युद्ध का असर मोल्दोवा पर भी पड़ सकता है। उनका संकेत साफ था कि अगर युद्ध को ना रोका गया तो युद्ध का बुरा असर यूक्रेन के पड़ोसी मुल्कों पर भी पड़ सकता है।

By Piyush KumarEdited By: Published: Thu, 19 May 2022 11:05 PM (IST)Updated: Thu, 19 May 2022 11:05 PM (IST)
Russia Ukraine War:  फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने रूस-यूक्रेन युद्ध को बीच दी चेतावनी, मोल्दोवा को सावधान रहने की दी सलाह
फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों की फाइल फोटो

पेरिस,एपी।  रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध का बुरा असर यूक्रेन के पड़ोसी मुल्कों पर भी पड़ रहा है। युद्ध की शुरूआत के बाद यूक्रेन के पड़ोसी देश, रूस के आक्रमण से चिंतित हैं। इस बीच गुरुवार को फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने यूक्रेन युद्ध को लेकर एक चेतावनी दी है। उन्होंने मोल्दोवा के राष्ट्रपति की मेजबानी करते हुए कहा कि युद्ध का असर मोल्दोवा पर भी पड़ सकता है। उनका संकेत साफ था कि अगर युद्ध को ना रोका गया तो यूक्रेन के साथ-साथ कई देशों को रूस के आक्रमण का सामना करना पड़ सकता है।

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मोल्दोवा की हुई प्रशंसा

मैक्रों ने कहा कि यूक्रेन के पड़ोसी देशों की सुरक्षा स्थिति पर फ्रांस विशेष रूप से नजर रख रहा रहा है। बता दें उन्होंने यूक्रेन के शरणार्थियों की मोल्दोवा द्वारा मदद की प्रशांसा की। मैक्रों ने यूरोपीय नेताओं से यूरोपीय संघ में शामिल होने के मोल्दोवा के आवेदन पर जल्द बात आगे बढ़ाने की अपील की। हाल ही मे हुए मोल्दोवा में हुए रूस द्वारा धमाके पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि युद्ध का बुरा असर मोल्दोवा पर पड़ रहा है। बता दें कि इस क्षेत्र में रूसी सेनी की मौजूदी की खबरे सामने आ चुकी है।

मोल्दोवा की सेना है काफी छोटी

गौरतलब है कि मोल्दोवा ने कहा कि वो नाटो का हिस्सा नहीं बनेगा लेकिन उसने यूरोपीय संघ से जुड़ने में दिलचस्पी दिखाई है। मोल्दोवा के नेता यूरोपीय संघ के नेताओं से मुलाकात करते रहते हैं जो रूस को पसंद नहीं है। बता दें कि दोनों देशों के बीच तनाव उस वक्त बढ़ गया जब ब्रिटेन के रक्षा मंत्री बेन वालिस ने कहा कि यूक्रेन में जीत हासिल करने के लिए रूस अब आक्रमण को और तेज कर सकता है और युद्ध के नए फ्रंट को खोल सकता है। उनका इशारा ट्रांसिनिस्ट्रिया क्षेत्र को लेकर था।  बताते चलें कि मोल्दोवा की सेना काफी छोटी है। सैन्य कर्मियोंकी संख्या 6,000 सैनिकों  


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