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Russia Ukraine War: यूरोपीय यूनियन की प्रमुख लिएन का बड़ा आरोप, खाद्यान्न को हथियार की तरह इस्तेमाल कर रहा रूस

यूरोपीय यूनियन की प्रमुख उर्सला वान डेर लिएन ने कहा है कि रूस खाद्यान्न को हथियार बनाकर दुनिया की मुश्किलें बढ़ा रहा है। जबकि दावोस में अरबपति फायनेंसर जार्ज सोरोस ने कहा तीसरा विश्वयुद्ध छिड़ने की आशंका समाप्त नहीं हुई है।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Wed, 25 May 2022 09:06 PM (IST)Updated: Thu, 26 May 2022 12:34 AM (IST)
Russia Ukraine War: यूरोपीय यूनियन की प्रमुख लिएन का बड़ा आरोप, खाद्यान्न को हथियार की तरह इस्तेमाल कर रहा रूस
यूरोपीय यूनियन की प्रमुख उर्सला वान डेर लिएन ने कहा

 ब्रसेल्स, रायटर। यूरोपीय यूनियन की प्रमुख उर्सला वान डेर लिएन ने कहा है कि रूस खाद्यान्न को हथियार बनाकर दुनिया की मुश्किलें बढ़ा रहा है। जबकि दावोस में अरबपति फायनेंसर जार्ज सोरोस ने कहा, तीसरा विश्वयुद्ध छिड़ने की आशंका समाप्त नहीं हुई है। यूक्रेन पर रूसी हमले की परिणति विश्वयुद्ध के रूप में हो सकती है। इस बीच रूस खाद्यान्न लदे जहाजों को यूक्रेन से अन्य देशों में जाने का रास्ता देने के लिए तैयार हो गया है। इसके लिए उसने काला सागर में तैनात अपनी नौसेना के लिए आदेश जारी कर दिए हैं। रूस ने यह अनुमति खुद पर लगे कुछ प्रतिबंधों के हटाए जाने के बाद दी है। रूसी विदेश उप मंत्री आंद्रेई रुडेंको के हवाले से यह जानकारी समाचार एजेंसी इंटरफैक्स ने दी है।

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दबाव में आए रूस ने यूक्रेनी गेहूं के निर्यात के लिए रास्ता खोला

काला सागर के तट पर स्थित यूक्रेनी बंदरगाहों पर रूसी सेनाओं का कब्जा है। इसके चलते वहां पर हर तरह के जहाजों का आवागमन बंद है। इसी के चलते वहां से करीब तीन महीने से गेहूं की आपूर्ति बंद थी, जिसके चलते दुनिया में खाद्यान्न संकट पैदा हो रहा है। यूक्रेन गेहूं, मक्का और सूरजमुखी तेल का बड़ा निर्यातक है। गेहूं के सबसे बड़े निर्यातक रूस ने भी प्रतिबंधों और राजनीतिक कारणों से गेहूं का निर्यात रोक रखा है। इस बीच रूस की सुरक्षा परिषद के प्रमुख निकोलाई पत्रुशेव ने यूक्रेन में युद्ध खत्म होने की कोई समयसीमा बताने से इन्कार कर दिया है। कहा है कि वहां पर तब तक लड़ाई चलेगी-जब तक वहां से नाजीवाद खत्म नहीं हो जाता।

डोनबास के कई शहरों पर रूसी सेना का कब्जा

डोनबास में इस समय दोनों पक्षों में भीषण लड़ाई चल रही है। रूसी सेना पूर्वी यूक्रेन के डोनेस्क और लुहांस्क प्रांतों पर पूर्ण कब्जे की कोशिश कर रही है। डोनेस्क के स्वीत्लोडा‌र्स्क समेत तीन शहरों पर रूसी सेना का कब्जा हो गया है। क्षेत्रीय गवर्नर पाव्लो किरिलेंको ने यह जानकारी रेडियो फ्री यूरोप को दी है। अपुष्ट सूत्रों के अनुसार रूसी सेना ने सीविरोडोनेस्क और कुछ अन्य शहरों पर कब्जा कर लिया है। डोनेस्क में रूसी गोलाबारी में 14 लोगों के मारे जाने की खबर है। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने कहा है कि रूसी सेना डोनबास के औद्योगिक क्षेत्र को बर्बाद कर रही है। वहां पर बहुत बुरे हालात बन गए हैं। लुहांस्क के गवर्नर सेरही हैदाई ने कहा है कि शहरों में नरसंहार हो रहा है और मारीपोल की तरह सब कुछ बर्बाद किया जा रहा है।

मारीपोल के खंडहर में मिले 200 शव

मारीपोल में रूसी हमले का शिकार हुए एक अपार्टमेंट के खंडहर की खोदाई में 200 नागरिकों के क्षत-विक्षत शव मिले हैं। ये नागरिक जब अपार्टमेंट के बेसमेंट में छिपे बैठे थे, तभी बिल्डिंग पर रूसी विमान की बमबारी हुई। परिणामस्वरूप बिल्डिंग ढह गई और बेसमेंट में बैठे नागरिक उसी में दब गए। लगभग खंडहर में तब्दील मारीपोल में इस तरह के और भी दृश्य सामने आने की आशंका है।

कब्जे वाले इलाकों के लिए रूसी पासपोर्ट

यूक्रेन के जपोरीजिया और खेरसान इलाके के लोगों के लिए रूस ने रूसी पासपोर्ट तैयार करने की शुरू कर दिए हैं। पासपोर्ट के लिए लोगों से औपचारिकताएं पूरी कराई जा रही हैं। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के हस्ताक्षर वाला आदेश इंटरनेट पोर्टल पर सार्वजनिक हुआ है। इसके अनुसार जपोरीजिया और खेरसान के लोगों को साधारण तरीके से रूसी नागरिकता देने की बात कही गई है। इस बीच रूसी संसद स्टेट ड्यूमा ने रूसी और मित्र देशों के नागरिकों की सेना में शामिल होने की अधिकतम आयु बढ़ाकर क्रमश: 45 और 35 वर्ष करने के सरकार के प्रस्ताव को स्वीकृति दे दी है।

चेल्सी क्लब को बेचने की अनुमति

रूस के राष्ट्रपति पुतिन के करीबी और प्रतिबंधित उद्यमी अब्रामोविच के स्वामित्व वाले चेल्सी फुटबाल क्लब को बेचने पर लगी रोक ब्रिटिश सरकार ने हटा ली है। यूक्रेन युद्ध के शुरुआती दिनों में इस क्लब को बेचने की कोशिश की गई थी जिसे ब्रिटिश सरकार ने रोक दिया था। उल्लेखनीय है कि रूसी हमलों के चलते यूक्रेन से 65 लाख से ज्यादा लोग भागकर अन्य देशों में चले गए हैं जबकि करीब इतने ही विस्थापित होकर देश में ही सुरक्षित स्थानों पर चले गए हैं।


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