रूस ने अफगान प्रतिरोध मोर्चा और तालिबान को बातचीत के जरिए संघर्ष सुलझाने को कहा
रूसी विदेश मंत्रालय ने अफगानिस्तान में तालिबान के खिलाफ अहमद मसूद और अमरुल्ला सालेह Afganistan Crisis के नेतृत्व में प्रतिरोध मोर्चे से बातचीत का सहारा लेने को कहा है। यह जानकारी खामा प्रेस की रिपोर्ट के अनुसार मिली है।
मास्को, एएनआइ। रूसी विदेश मंत्रालय ने अफगानिस्तान में तालिबान के खिलाफ अहमद मसूद और अमरुल्ला सालेह के नेतृत्व में प्रतिरोध मोर्चे से बातचीत का सहारा लेने को कहा है। यह जानकारी खामा प्रेस की रिपोर्ट के अनुसार मिली है। तालिबान द्वारा काबुल पर कब्जा करने के बाद उससे निपटने के लिए अफगानिस्तान के पंजशीर में प्रतिरोध का गठन किया गया था।
अफगानिस्तान में फैल रही अस्थिरता चिंताजनक
रूसी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया जखारोवा ने बुधवार को सभी राजनीतिक और जातीय समूहों से युद्धग्रस्त देश में आंतरिक संघर्षों को भड़काने से परहेज करने का आह्वान किया और खामा प्रेस के अनुसार, उनकी धरती पर शांति और स्थिरता बहाल करने के तरीकों की तलाश करने को कहा। जखारोवा ने कथित तौर पर इस क्षेत्र में अफगानिस्तान में अस्थिरता के फैलने पर चिंता व्यक्त की है।
प्रतिरोध मोर्चा के नेता ताजिकिस्तान में देखे गए
समाचार एजेंसी के अनुसार, यह बयान ऐसे समय में आया है, जब प्रतिरोध मोर्चे के नेता को ताजिकिस्तान में देखा गया था। उनके बारे में माना जाता है कि वे तालिबान विरोधी मोर्चे के लिए मदद लेने और धन जुटाने के लिए वहां मौजूद हैं। विशेष रूप से अहमद शाह मसूद ने पंजशीर घाटी को तालिबान से बचाने की कसम खाई थी और कहा था कि वह 'ईश्वर, न्याय और स्वतंत्रता' के लिए अपने प्रतिरोध को कभी नहीं रोकेंगे। पंजशीर में प्रतिरोध मोर्चा ने भी अफगानिस्तान में एक समानांतर सरकार घोषित करने की कसम खाई थी। भले ही तालिबान ने अमेरिकी सेना के जाने के बाद अफगानिस्तान में अपनी 'कार्यवाहक सरकार' की घोषणा की, लेकिन यह प्रतिरोध लंबे समय तक नहीं चल सका।