क्या गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को दी जा सकती है ऑक्सफॉर्ड एस्ट्रजेनेका की वैक्सीन? यहां पढ़ें जवाब
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने ऑक्सफॉर्ड और एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन को लेकर सिफारिशें जारी की हैं। इसमें कहा गया है कि इस वैक्सीन को स्तनपान कराने वाली महिला को भी दिया जा सकता है। इसमें कुछ और भी खास बातें हैं।
न्यूयॉर्क (संयुक्त राष्ट्र)। ऑक्सफॉर्ड और एस्ट्राजेनेका की बनाई कोविड-19 वैक्सीन को वायरस के नए स्ट्रेन और 60 वर्ष से अधिक आयुवर्ग के ऊपर भी कारगर पाए जाने के बाद विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इसको लेकर कुछ सिफारिशें जारी की है। इन सिफारिशों के जरिए कुछ सवालों के जवाब सामने आ गए हैं। ये सवाल वो थे जो अब तक लोगों को कहीं न कहीं परेशान जरूर कर रहे थे। इनमें सबसे अहम सिफारिश उन महिलाओं को वैक्सीन दिए जाने को लेकर है जो या तो गर्भवती हैं और या फिर स्तनपान कराती हैं।
इन्हें दी जा सकती है वैक्सीन
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इस वैक्सीन को इन महिलाओं को देने की भी सिफारिश की है। इसमें कहा गया है कि यदि ये महिलाएं ऐसे किसी समूह का हिस्सा हैं जिन्हें ये वैक्सीन देना प्राथमिकता के आधार पर तय किया गया हो तो इसको दिया जाना चाहिए। संगठन की तरफ से ये भी कहा गया है कि वैक्सीन लेने के बाद महिला अपने नवजात को स्तनपान करवा सकती है।
जोखिम अधिक होने पर दी जा सकती है वैक्सीन
जहां तक गर्भवती महिलाओं को वैक्सीन देने की बात है तो संगठन की तरफ से साफ किया गया है कि इसको लेकर अभी उनके पास पर्याप्त आंकड़े पलब्ध नहीं है। लेकिन यदि गर्भवती महिला को वैक्सीन दिए जाने से अधिक जोखिम न देने से है तो उसको ये वैक्सीन दी जानी चाहिए। इसमें कहा गया है कि गर्भवती महिलाओं को कोविड-19 संक्रमण का जोखिम अधिक है। लिहाजा डॉक्टरों की सलाह के बाद इन्हें वैक्सीन दी जा सकती है।
इन्हें नहीं दी जाए वैक्सीन
संगठन की तरफ से जारी सिफारिश में इस वैक्सीन को ऐसे लोगों को जिन्हें ऐसे लोग जिन्हें इससे एलर्जी होने का खतरा है, इसे न देने की सिफारिश की है। साथ ही इस वैक्सीन को 18 वर्ष से कम आयुवर्ग के लोगों को भी न देने को कहा गया है। संगठन ने कहा है कि इनको लेकर अभी आंकड़े मौजूद नहीं हैं। इसकी खुराक को लेकर भी विश्व स्वास्थ्य संगठन ने अपनी सिफारिश में बेहद साफतौर पर उल्लेख किया है। इसमें कहा गया है कि इस वैक्सीन की 0.5 एमएल की दो खुराक मांसपेशियों के जरिए दी जाए। इसकी दोनों खुराक के बीच 8 से 12 सप्ताह का अंतर होना जरूरी है। अन्तराल रखना अहम होगा.
प्राथमिकता होनी चाहिए तय
विश्व स्वास्थ्य संगठन में एक्सपर्ट ग्रुप ने कहा है कि ऑक्सफॉर्ड-ऐस्ट्राजेनेका की AZD1222 वैक्सीन बेहद सीमित संख्या में उपलब्ध है। लिहाजा इसको प्राथमिकता के आधार पर सबसे अधिक जोखिम वाले लोगों को पहले दी जानी चाहिए। इसमें बुजुर्गों के अलावा वो कोरोना से जंग में काम करने वाले फ्रंटलाइन वर्कर्स हैं। SARS-CoV-2 संक्रमण के खिलाफ AZD1222 वैक्सीन की 63 फीसद तक प्रभावी माना गया है। संगठन की तरफ से साफ कर दिया गया है कि इस वैक्सीन को 65 वर्ष की अधिक आयु के व्यक्ति को भी दिया जा सकता है। इसके अलावा डॉक्टरों से सलाह के बाद मोटापे से जूझ रहे व्यक्तियों, बेहद कम प्रतिरोधक क्षमता रखने वाले लोगों ओर डायबिटीज के मरीजों को भी ये वैक्सीन दी जा सकती है। हालांकि संगठन ने इस बाबत साफ कर दिया है कि इसके आंकड़े फिलहाल उपलब्ध नहीं हैं।