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विश्‍व की बड़ी ताकतों के साथ न्‍यूक्लियर डील पर बात करने को राजी हुआ ईरान, कहा- कोई दबाव नहीं

ईरान ने कहा है कि वो 2015 में अमेरिका और विश्‍व की दूसरी शक्तियों के साथ हुई परमाणु डील पर वार्ता करने को तैयार हैं। लेकिन जान लें कि ये किसी तरह के दबाव में लिया गया फैसला नहीं है।

By Kamal VermaEdited By: Published: Sun, 05 Sep 2021 02:58 PM (IST)Updated: Sun, 05 Sep 2021 02:58 PM (IST)
विश्‍व की बड़ी ताकतों के साथ न्‍यूक्लियर डील पर बात करने को राजी हुआ ईरान, कहा- कोई दबाव नहीं
परमाणु डील पर वार्ता को लेकर कोई दबाव नहीं

तेहरान (एएफपी)। इरान के राष्‍ट्रपति इब्राहिम रईसी ने कहा है कि वो 2015 में हुई परमाणु डील पर दोबारा से विश्‍व की शक्तियों के साथ वार्ता करने को तैयार है। रईसी ने ये भी कहा है कि उनका परमाणु कार्यक्रम पूरी तरह से शांतिपूर्ण है और ऊर्जा ज‍रूरतों की पूर्ति के लिए है। इसको लेकर उन्‍होंने न्‍यूक्लियर वाचडाग को भी जानकारी दे रखी है। रईसी ने साफ कहा है कि उनकी वार्ता पर सहमति को कोई पश्चिमी देशों के दबाव में लिया गया कदम न समझे। रईसी ने कहा है कि ईरान ने इस संबंध में अपने ऊपर लगे प्रतिबंधों को हटाने के लिए वार्ता की थी।   

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आपको बता दें कि फ्रांस और जर्मनी ने ईरान से अपील की थी कि वो न्‍यूक्लियर डील पर हुई बातचीत में आए गतिरोध के बाद दोबारा वार्ता की मेज पर वापसी करे। इसी वर्ष जून में ईरान में चुनाव हुए थे जिसमें रईसी को जबरदस्‍त सफलता हासिल हुई थी। पश्चिमी जगत ने इस बात पर चिंता जाहिर की थी कि ईरान लगातार अपने परमाणु कार्यक्रम में बढ़ोतरी कर रहा है।    

पिछले माह फ्रांस, जर्मनी और ब्रिटेन ने संयुक्‍त राष्‍ट्र की उस रिपोर्ट पर चिंता जताई थी जिसमें कहा गया था कि ईरान ने यूरेनियम का संवर्धन 20 फीसद से बढ़ाकर 60 फीसद तक कर दिया है। हालांकि ईरान बार-बार ये बात कह रहा है कि उसका ये परमाणु कार्यक्रम किसी को नुकसान पहुंचाने के लिए नहीं है। ईरान का ये भी कहना था कि यदि अमेरिका उसके ऊपर लगे प्रतिबंधों को हटाता है तो वो भी इस संधि पर दोबारा लौट सकता है। 

एक टीवी चैनल से हुई बातचीत के दौरान रईसी ने का कि वार्ता के दौरान पश्चिमी देशों ने अमेरिका के साथ मिलकर दबाव बनाने की कोशिश की। ये किस तरह की वार्ता थी। जबकि हमनें साफ कर दिया था कि हमारी सरकार का एजेंडा क्‍या है। हम किसी के दबाव में आने वाले नहीं है। केवल मुद्दे पर ही बात करेंगे। उन्‍होंने ईरान के ऊपर लगे प्रतिबंधों को गलत बताया और कहा कि ये हटने चाहिए। 


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