Rafale in India: भारतीय राजदूत ने राफेल जेट के लिए फ्रांस सरकार और डसॉल्ट को कहा धन्यवाद
राफेल के ट्रेनर विमानों के टेल नंबर वायुसेना प्रमुख आरकेएस भदौरिया के सम्मान में आरबी सीरीज के होंगे।
मेरिग्नैक (फ्रांस), एएनआइ। फ्रांस में भारतीय राजदूत, जावेद अशरफ ने सोमवार को फ्रांस सरकार और डसॉल्ट एविएशन को पांच राफेल लड़ाकू जेट की समय पर डिलीवरी के लिए धन्यवाद कहा है। बता दें कि कुछ देर पहले ही दक्षिण-पश्चिम फ्रांस में मेरिग्नैक एयर बेस राफेल विमान भारत के लिए रवाना हो गए हैं। लड़ाकू विमान को हरी झंडी दिखाते हुए, भारतीय राजदूत ने कहा, 'हमारे वायु सेना के पायलट हमें बताते हैं कि ये बेहद तेज, फुर्तीले, बहुमुखी और बहुत घातक विमान हैं। आप इन्हें 'ब्यूटी एंड बीस्ट' दोनों कह सकते हैं। ये शानदार उड़ान मशीनें हैं। दुनिया के सर्वश्रेष्ठ पायलटों द्वारा उड़ाया गया। हम समय पर विमान पहुंचाने के लिए डसॉल्ट का शुक्रिया अदा करना चाहते हैं। हम फ्रांस सरकार और फ्रांस वायु सेना को भी उनके द्वारा दिए गए सभी समर्थन के लिए धन्यवाद देना चाहते हैं।'
उन्होंने कहा, 'यह हमारी वायु शक्ति और रक्षा तैयारियों में बहुत बड़ी ताकत जोड़ने वाला है। यह भारत और फ्रांस के बीच शक्तिशाली रणनीतिक साझेदारी का भी प्रतीक है।' राजदूत ने विमान को भारत लाने वाले भारतीय चालक दल के साथ भी बातचीत फ्रांस से राफेल विमानों को 17 गोल्डेन एरोज कमांडिंग आफीसर के पायलट लेकर आ रहे हैं। सभी पायलटों को फ्रांसीसी दसॉल्ट एविएशन कंपनी द्वारा प्रशिक्षित किया गया है।
राजदूत ने कहा कि वह लंबी उड़ान भरने वाले है। यह उनके व्यावसायिकता, धीरज और कौशल का एक उल्लेखनीय प्रतीक है जो उन्होंने प्रशिक्षण के दौरान हासिल किया है कि वे भारत के लिए केवल एक स्टॉप के साथ वहां पहुंच जाएंगे। हम उनसे भारत तक एक सुखद सफर और सुरक्षित लैंडिंग चाहते हैं। बता दें कि फ्रांस से रवाना हुए इन विमानों को संयुक्त अरब अमीरात में एक एयरबेस पर उतारा जाएगा और फ्रांस के टैंकर विमान से ईंधन भरा जाएगा। इसके बाद विमान अंबाला एयरबेस के लिए आगे का सफर तय करेंगे। अंबाला के एयरफोर्स स्टेशन पर 29 जुलाई को वायुसेना में शामिल किया जाएगा।
भारत को ये विमान पहले मई में मिलने वाले थे, लेकिन कोरोना के कारण इनके मिलने में दो महीने की देरी हो गई। राफेल विमानों की पहली खेप में छह जेट भारत को मिलने हैं। पहले राफेल विमान को अक्टुबर 2019 में भारत को सौंपा गया था। राफेल के ट्रेनर विमानों के टेल नंबर वायुसेना प्रमुख आरकेएस भदौरिया के सम्मान में आरबी सीरीज के होंगे। भदौरिया ने ही 36 लड़ाकू राफेल विमानों की यह डील करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। भारत ने 2016 में फ्रांस से इन विमानों का सौदा 60 हजार करोड़ रुपये में किया था। यह अब तक सबसे बड़ा रक्षा सौदा है। मौजूदा वायुसेना प्रमुख आरकेएस भदौरिया तब उपसेना प्रमुख थे और उन्होंने इस सौदे में भारतीय दल का नेतृत्व किया था।