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भारत-चीन खटास पर कन्‍नी काट गए फ्रांसीसी राजदूत, कहा- वैश्विक रूप से जटिल है राजनीतिक परिस्थिति

उन्‍होंने कहा नई दिल्‍ली और पेरिस की बीच यह साझेदारी सैन्‍य सहयोग से स्‍वास्‍थ्‍य सेवाओं तक जाती है। हालांकि चीन पर पूछे गए सवाल पर फ्रांसीसी राजदूत कन्‍नी काट गए।

By Ramesh MishraEdited By: Published: Wed, 29 Jul 2020 07:48 AM (IST)Updated: Wed, 29 Jul 2020 08:12 AM (IST)
भारत-चीन खटास पर कन्‍नी काट गए फ्रांसीसी राजदूत, कहा- वैश्विक रूप से जटिल है राजनीतिक परिस्थिति
भारत-चीन खटास पर कन्‍नी काट गए फ्रांसीसी राजदूत, कहा- वैश्विक रूप से जटिल है राजनीतिक परिस्थिति

नई दिल्‍ली/पेरिस, एजेंसी। राफेल फाइटर जेट्स के भारत पहुंचने से पहले भारत और फ्रांस के रिश्‍तों पर चर्चा के दौरान फ्रांसीसी राजदूत ने कहा कि दोनों देशों के बीच व्‍यापक साझेदारी है। उन्‍होंने कहा नई दिल्‍ली और पेरिस की बीच यह साझेदारी सैन्‍य सहयोग से स्‍वास्‍थ्‍य सेवाओं तक जाती है। हालांकि, चीन पर पूछे गए सवाल पर फ्रांसीसी राजदूत कन्‍नी काट गए। चीन के सवाल पर महज इतना ही कहकर चुप हो गए कि वैश्विक रूप राजनीतिक स्थिति काफी जटिल है। खास बात यह है कि फ्रांसीसी राजदूत ने यह बात राफेल विमानों के भारत पहुंचने के पूर्व कही।

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भारत-चीन तनाव पर मौन रहे फ्रांसीसी राजदूत 

भारत में फ्रांस के राजदूत इमैनुअल लेनिन ने भारत-चीन के बीच चल रहे तनाव पर बाकी समय मौन ही रहे। इसी क्रम में उन्‍होंने आगे कहा कि दोनों देशों के बीच साझेदारी पहले से अधिक महत्‍वपूर्ण है। उन्‍होंने कहा कि मुझे लगता है फ्रांस और भारत की दोस्‍ती दुनिया को एक राह दिखाएगी। यह अनुकरणीय होगा। इमैनुअल लेनिन ने कहा कि भारत और फ्रांस के बीच दोस्‍ती काफी गाढ़ी हो रही है। खासकर सैन्‍य और स्‍वास्‍थ्‍य सेवाओं में बेहतर रिश्‍ते कायम हो रहे हैं। यह भविष्‍य में एक बेहतर रिश्‍ते के संकेत देते हैं। 

भारतीय तकनीशियनों एवं पायलटों पर फ‍िदा हुए इमैनुअल 

फ्रांस के राजदूत इमैनुअल ने कहा कि वह यह कहते हुए बहुत गर्व महसूस कर रहा है कि राफेल विमान का पहला जत्था भारतीय धरती पर पहुंच रहा है। भारतीय तकनीशियनों और पायलटों ने फ्रांस में अपना प्रशिक्षण पूरा कर लिया है।  वे इन विमानों का उपयोग करने में पूरी तरह सक्षम हैं। उन्‍होंने इस बात पर खासा जोर दिया कि  भारतीय तकनीशियनों, पायलटों ने अद्भुत तरीके से अपना प्रशिक्षण पूरा किया है। 

राफेल से भारतीय वायुसेना की मौजूदा ताकत में जबर्दस्त इजाफा

बता दें कि भारत के राफेल लड़ाकू विमानों की पहली खेप के रूप में पांच विमान सोमवार को फ्रांस से रवाना हुए और अब वो संयुक्त अरब अमीरात के अल दफ्रा एयरबेस पर पहुंच गए हैं। विमानों को फ्रांस से यूएई पहुंचने में सात घंटों का वक्त लगा। ये विमान अल दफ्रा एयरबेस से उड़ान भरेंगे, तो सीधे भारत के अंबाला में लैंड करेंगे। पूर्वी लद्दाख में चीन से तनातनी के बीच दुनिया का सबसे ताकतवार लड़ाकू विमान राफेल 29 जुलाई को भारत पहुंच जाएगा। भारतीय वायुसेना के फाइटर पायलट 7000 किलोमीटर की हवाई दूरी तय करके बुधवार को अंबाला एयरबेस पहुंचेंगे। राफेल से भारतीय वायुसेना की मौजूदा ताकत में जबर्दस्त इजाफा होगा क्योंकि पांचवी जेनरेशन के इस लड़ाकू जेट की मारक क्षमता जैसा लड़ाकू विमान चीन और पाकिस्तान के पास नहीं हैं।


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