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प्रचंड ने ओली सरकार में कार्यरत अपने मंत्रियों को वापस बुलाया, 24 घंटे के भीतर स्थिति साफ करने के निर्देश

नेपाल में पुष्प कमल दहल प्रचंड के नेतृत्व वाली कम्युनिस्ट पार्टी-माओवादी सेंटर ने ओली सरकार में शामिल अपने मंत्रियों को वापस बुलाया है। साथ ही विभिन्न पदों पर नियुक्त नेताओं से कहा गया है कि 24 घंटे के भीतर वे अपनी स्थिति साफ करें।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Sat, 13 Mar 2021 09:38 PM (IST)Updated: Sun, 14 Mar 2021 01:43 AM (IST)
प्रचंड ने ओली सरकार में कार्यरत अपने मंत्रियों को वापस बुलाया, 24 घंटे के भीतर स्थिति साफ करने के निर्देश
नेपाल में पुष्प कमल दहल प्रचंड ने ओली सरकार में शामिल अपने मंत्रियों को वापस बुलाया है।

काठमांडू, पीटीआइ। नेपाल में पुष्प कमल दहल प्रचंड के नेतृत्व वाली कम्युनिस्ट पार्टी-माओवादी सेंटर ने ओली सरकार में शामिल अपने मंत्रियों को वापस बुलाया है। यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि इन मंत्रियों से इस्तीफा देने को कहा गया है या नहीं। साथ ही सत्तारूढ़ नेपाली कम्युनिस्ट पार्टी-यूएमएल द्वारा विभिन्न पदों पर नियुक्त नेताओं से कहा है कि 24 घंटे के भीतर वे अपनी स्थिति साफ करें। उन्हें कम्युनिस्ट पार्टी के किस गुट के साथ रहना है।

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जिन मंत्रियों को प्रचंड ने वापस बुलाया है उनमें गृह मंत्री राम बहादुर थापा, जल संसाधन और सिंचाई मंत्री तोप बहादुर रायमाझी, जलापूर्ति मंत्री मणिचंद्र थापा, शहरी विकास मंत्री प्रभु शाह, खेल एवं युवा मामलों के मंत्री दावा लामा तमांग, श्रम मंत्री गौरीशंकर चौधरी और ऊर्जा मंत्री हैं। सरकार में शामिल मंत्रियों को वापस बुलाने का फैसला प्रचंड के नेतृत्व वाली कम्युनिस्ट पार्टी-माओवादी की स्टैंडिंग कमेटी की शनिवार को हुई बैठक में लिया गया।

स्टैंडिंग कमेटी के सदस्य देवेंद्र पौडेल ने बताया कि सरकारी पदों पर कार्य कर रहे अन्य नेताओं से भी 24 घंटे के भीतर अपनी स्थिति स्पष्ट करने के लिए कहा गया है। नेपाल के कानून के अनुसार यदि कोई सांसद अपनी पार्टी छोड़ता है या उसे पार्टी से निष्कासित किया जाता है तो सदन से उसकी सदस्यता खत्म हो जाती है।

शुक्रवार को ही कम्युनिस्ट पार्टी-यूएमएल की सेंट्रल कमेटी की प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली की अध्यक्षता में हुई बैठक में प्रतिद्वंद्वी गुट के 23 नेताओं को विभिन्न सरकारी पदों पर नियुक्त किया गया था। प्रचंड के नेतृत्व वाले गुट ने इन नियुक्तियों पर विरोध जताया है।

सुप्रीम कोर्ट द्वारा दोनों कम्युनिस्ट पार्टियों का विलय गैरकानूनी घोषित किए जाने के बाद प्रधानमंत्री ओली सरकार पर अपनी पकड़ मजबूत करने में जुट गए हैं। आने वाले दिनों में पता चलेगा कि इस कोशिश में वह कितने सफल होते हैं। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद चुनाव आयोग ने दोनों गुटों को नए पार्टी नाम और चुनाव चिह्न के साथ तलब किया है। अब दोनों गुटों को नई पार्टी के रूप में मान्यता दी जाएगी।


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