Move to Jagran APP

जम्मू और कश्मीर पर 1947 में पाकिस्तानी हमले के खिलाफ ईयू संसद के सामने हुए विरोध प्रदर्शन

अफगानिस्तान की महिला अधिकार कार्यकर्ता मिना पंजान भी कार्यक्रम में शामिल हुईं और उन्होंने तालिबान के शासन में अपने देश में गिरती मानवाधिकार स्थिति का उल्लेख किया। शुक्रवार को बांग्लादेश और गुलाम कश्मीर में भी काला दिवस मनाया गया था।

By Dhyanendra Singh ChauhanEdited By: Published: Sat, 23 Oct 2021 08:31 PM (IST)Updated: Sat, 23 Oct 2021 08:31 PM (IST)
जम्मू और कश्मीर पर 1947 में  पाकिस्तानी हमले के खिलाफ ईयू संसद के सामने हुए विरोध प्रदर्शन
ईयू संसद के सामने जमा प्रदर्शनकारियों ने पाकिस्तान विरोधी लगाए नारे

ब्रसेल्स, एजेंसी। यूनाइटेड कश्मीर पीपुल्स नेशनल पार्टी और जम्मू कश्मीर इंटरनेशनल पीपुल्स अलायंस ने यूरोपीय यूनियन (ईयू) संसद के सामने पाकिस्तान के विरोध में संयुक्त रूप से प्रदर्शन किया। दोनों संगठनों ने 22 अक्टूबर, 1947 को जम्मू एवं कश्मीर पर पाकिस्तानी आक्रमण के विरोध में काला दिवस मनाया। ईयू संसद के सामने जमा प्रदर्शनकारियों ने पाकिस्तान विरोधी नारे लगाए।

loksabha election banner

वरिष्ठ मानवाधिकार कार्यकर्ता जमील मकसूद ने प्रदर्शनकारियों को संबोधित किया। उनके अलावा एंडी वेर्माउट, मैनेल मासाल्मी एवं सज्जाद हुसैन आदि मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने भी संबोधित किया।

शुक्रवार को बांग्लादेश और गुलाम कश्मीर में भी मनाया गया काला दिवस

अफगानिस्तान की महिला अधिकार कार्यकर्ता मिना पंजान भी कार्यक्रम में शामिल हुईं और उन्होंने तालिबान के शासन में अपने देश में गिरती मानवाधिकार स्थिति का उल्लेख किया। शुक्रवार को बांग्लादेश और गुलाम कश्मीर में भी काला दिवस मनाया गया था।

बता दें कि 22 अक्टूबर 1947 को पाकिस्तान की अगुआई में कश्मीर पर कबायली हमला हुआ था। जम्मू एवं कश्मीर पर नियंत्रण पाने के लिए पाकिस्तान ने 'आपरेशन गुलमर्ग' कोड नाम से हमला किया था। 

गुलाम कश्मीर में पाकिस्तान के खिलाफ हुए प्रदर्शन

वहीं, दूसरी ओर पिछले दिनों गुलाम कश्मीर में 22 अक्टूबर, 1947 को हुए पाकिस्तानी के हमले के विरोध में व्यापक प्रदर्शन हुए। मुजफ्फराबाद शहर में यूनाइटेड कश्मीर पीपुल्स नेशनल पार्टी ने 75 वर्ष पहले जम्मू एवं कश्मीर पर कबायली एवं पाकिस्तानी सेना द्वारा किए गए हमले के खिलाफ रैली निकाली। गुलाम कश्मीर में प्रदर्शनकारियों ने आजादी समर्थक नारे लगाए। प्रदर्शनकारियों ने पाकिस्तानी सेना और अन्य प्रशासकों से कब्जा किए गए क्षेत्र को छोड़ने की मांग की।

गौरतलब है कि इन दिनों पाकिस्तान की मुश्किलें कम नहीं हो रही हैं। अफगानिस्तान में तालिबान सरकार का खुला सपोर्ट करने के बाद वैश्विक समुदाय में भी इमरान सरकार की जमकर किरकिरी हो रही है। 

यह भी पढ़ें: 2060 तक सऊदी बंद करेगा हानिकारक गैसों का उत्सर्जन, क्राउन प्रिंस ने 45 करोड़ पौधे लगाए जाने की भी घोषणा की


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.