Move to Jagran APP

म्यांमार में जुंटा शासन के छह महीने पूरे होने से पहले छात्रों का विरोध प्रदर्शन, कहा- ‘लोकतंत्र को लेकर कोई समझौता मंजूर नहीं’

म्यांमार में लोकतंत्र के समर्थकों का विरोध कम नहीं है। शनिवार को मांडले में सैन्य शासन के खिलाफ छात्रों के एक समूह ने प्रदर्शन किया। मोटरबाइक पर सवार विश्वविद्यालय छात्रों के बैंड ने लाल और हरे झंडे लहराते हुए प्रदर्शन किया।

By Amit KumarEdited By: Published: Sat, 31 Jul 2021 07:12 PM (IST)Updated: Sat, 31 Jul 2021 07:12 PM (IST)
म्यांमार में जुंटा शासन के छह महीने पूरे होने से पहले छात्रों का विरोध प्रदर्शन, कहा- ‘लोकतंत्र को लेकर कोई समझौता मंजूर नहीं’
Protests against Myanmar junta ahead of coup anniversary

बैंकॉक, रॉयटर्स। म्यांमार में कोविड-19 संक्रमण इन दिनों तेजी के साथ फैल रहा है। जुंटा जनरल मिन आंग हलिंग ने बीते दिनों संक्रमण को नियंत्रित करने के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग के लिए भी अपील की थी, लेकिन इन सब परिस्थितियों के बावजूद देश में लोकतंत्र के समर्थकों का विरोध कम नहीं है। शनिवार को मांडले में सैन्य शासन के खिलाफ छात्रों के एक समूह ने प्रदर्शन किया।

loksabha election banner

विश्वविद्यालय छात्रों का प्रदर्शन

मांडले में मोटरबाइक पर सवार विश्वविद्यालय छात्रों के बैंड ने लाल और हरे झंडे लहराते हुए प्रदर्शन किया। इस दौरान उन्होंने देश में जुंटा शासन के खिलाफ नारे लगाते हुए कहा कि, लोकतंत्र की वापसी को लेकर वो जुंटा से साथ किसी भी तरह का समझौता नहीं करेंगे। वहीं, मानवाधिकार समूहों ने फरवरी में जुंटा द्वारा किए गए तख्तापलट के छह महीने होने से पहले, उनपर मानवधिकारों के उल्लंघन के आरोप भी लगाए हैं।

मानवाधिकार समूहों की खरी-खरी

न्यूयॉर्क स्थित ह्यूमन राइट्स समूह के मुताबिक, जुंटा ने म्यांमार में तख्तापलट का विरोध करने वाले लोगों के लिए हिंसा का इस्तेमाल किया है। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकारों का उल्लंघन करते हुए, गैरकानूनी तरीके से लोगों को गिरफ्तार किया, उन्हें यातनाएं दी और उनकी हत्या तक कर डाली। समूह के एशिया निदेशक ब्रैड एडम्स ने एक बयान में कहा कि, देश के लोगों पर हमले मानवता के खिलाफ अपराध हैं, जिसके लिए जिम्मेदार लोगों को दोषी ठहराया जाना चाहिए।

अब तक सैकड़ों लोगों की हत्या

असिस्टेंस एसोसिएशन फॉर पॉलिटिकल प्रिजनर्स एक्टिविस्ट ग्रुप के अनुसार, तख्तापलट के बाद से कम से कम 6,990 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। साथ ही उनका कहना है कि, सशस्त्र बलों ने 939 लोगों को मार डाला है। वहीं, सेना ने अपने विरोधियों को आतंकवादी करार देते हुए कहा है कि, उसका अधिग्रहण संविधान के अनुरूप ही था।

आयोग ने आरोप किए थे खारिज

गौरतलब है कि, म्यांमार में जुंटा ने बीती एक फरवरी को नोबेल पुरस्कार विजेता आंग सान सू की के नेतृत्व वाली सरकार को उखाड़ फेका था और देश की सत्ता पर कब्जा कर लिया था। साथ ही नवंबर 2020 में हुए चुनावों को लेकर जुंटा ने धोखाधड़ी का आरोप लगाने के बाद, फरवरी में सत्ता पर कब्जा किया था। चुनावों में सू.की की पार्टी ने जीत हासिल की थी, पूर्व चुनाव आयोग ने सेना के सभी आरोपों को खारिज किया था।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.