लेबनान में मंत्रालयों की इमारतों में घुसे प्रदर्शनकारी, सरकार के खिलाफ देशभर में बवाल
लेबनान की राजधानी बेरुत में भीषण विस्फोट के बाद पूरे देश में राजनीतिक नेतृत्व के खिलाफ प्रदर्शन हो रहे हैं। लोगों में सरकारी तंत्र की नाकामी को लेकर भारी गुस्सा है।
बेरूत, एजेंसियां। लेबनान की राजधानी बेरुत में भीषण विस्फोट के बाद पूरे देश में राजनीतिक नेतृत्व के खिलाफ प्रदर्शन हो रहे हैं। सरकारी तंत्र की नाकामी, कुप्रबंधन और चौतरफा भ्रष्टाचार को लेकर लोगों में भारी गुस्सा है। शनिवार को दर्जनों लेबनानी प्रदर्शनकारी विभिन्न सरकारी मंत्रालयों और देश के बैंकिंग एसोसिएशन के मुख्यालय में घुस गए। प्रदर्शनकारी पहले विदेश मंत्रालय की खाली पड़ी इमारत में घुस गए और उसे अपने विरोध आंदोलन का मुख्यालय घोषित कर दिया।
पुलिसकर्मी की मौत, 100 से ज्यादा घायल
प्रदर्शनकारी बाद में वित्त और ऊर्जा मंत्रालयों की इमारतों में घुस गए और वहां से कई दस्तावेज लेकर चल गए। उन्होंने दावा किया कि वे सरकार के भ्रष्टाचार को उजागर करेंगे। कुछ प्रदर्शनकारी पर्यावरण मंत्रालय की इमारत में भी घुस गए। उधर, मध्य बेरूत में प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच संघर्ष में एक पुलिसकर्मी की मौत हो गई। इस संघर्ष में सौ से ज्यादा लोग घायल हैं और दर्जनों अस्पताल में भर्ती हैं।
समयपूर्व चुनाव की आहट
देश में जारी राजनीतिक संकट और विरोध प्रदर्शनों के चलते प्रधानमंत्री हसन दीब ने कहा है, 'बिना समयपूर्व चुनाव कराए हम इस संकट से नहीं निकल सकते।' प्रधानमंत्री ने कहा कि देश के गहरे आर्थिक और राजनीतिक संकट के लिए उन्हें दोषी नहीं ठहराया जा सकता है।
मदद पर आज चर्चा करेंगे दुनियाभर के नेता
उधर लेबनान को और अधिक सहायता पहुंचाने के लिए फ्रांस की पहल पर रविवार को कांफ्रेंस कॉल में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप समेत कई देशों के नेता जुड़ेंगे। इस वर्चुअल बैठक में यह चर्चा होगी की लेबनान को कैसे ज्यादा से ज्यादा मदद पहुंचाई जाए। अमेरिका के तीन बड़े जहाज राहत सामग्री लेकर लेबनाने के लिए रवाना भी हो चुके हैं। इसके अलावा नर्स-डॉक्टर्स की टीम और चिकित्सा सामग्री भी भेजी जा रही है।
यूरोप के अधिकारी पहुंचे
मालूम हो कि बेरुत बंदरगाह पर मंगलवार को हुए भीषण धमाके में 154 लोगों की मौत हो गई थी और 5,000 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे। फ्रांस समेत कई देशों ने आपात सहायता के रूप में डॉक्टर्स की टीम, मेडिकल उपकरण और खाद्य सामग्री लेबनान भेजी है। लेबनान के साथ एकजुटता दिखाने के लिए मध्य-पूर्व और यूरोप के कई देशों के शीर्ष अधिकारियों का बेरुत पहुंचना भी शुरू हो गया है।