पेरिस में नस्लीय प्रदर्शन तेज, संग्रहालय को बनाया निशाना, 19वीं सदी के खंभे को ध्वस्त किया
शुक्रवार को फ्रांस की राजधानी पेरिस में प्रदर्शनकारियों ने एक संग्रहालय में रखी 19वीं सदी के उपनिवेशवादी अवशेष के खंभे को उखाड़ फेंका।
पेरिस, एजेंसी। अमेरिका में जॉर्ज फ्लॉयड की पुलिस कस्टडी में मौत के बाद अमेरिका समेत पूरे यूरोपीय देशों में नस्लीय प्रदर्शन थमने का नाम नहीं ले रहा है। संयुक्त राज्य अमेरिका और यूरोप में उपनिवेशवाद और गुलामी के प्रतीकों पर लोगों ने जमकर आक्रोश निकाला है। इस क्रम में कई मूर्तियों एवं उस युग के अवशेषों को ध्वस्त कर दिया गया है। हालांकि, फ्रांस के संस्कृति मंत्री के एक बयान के अनुसार पांच प्रदर्शनकारियों को क्वी ब्रानली संग्रहालय से पहले रोक दिया गया था
शुक्रवार को फ्रांस की राजधानी पेरिस में प्रदर्शनकारियों ने एक संग्रहालय में रखी 19वीं सदी के उपनिवेशवादी अवशेष के खंभे को उखाड़ फेंका। Quai Branly संग्रहालय को गैर-यूरोपीय कला दिखाने के मकसद से पूर्व फ्रांसीसी राष्ट्रपति जैक्स शिराक ने बनाया था। इसमें पूर्व फ्रांसीसी उपनिवेशों के कार्यों का एक बड़ा संग्रह मौजूद है। वर्ष 2018 में एक आयोग की सिफारिश पर राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रोन ने इसकी सिफारिश की थी।
संस्कृति मंत्री ने कि संग्रहालय में रखी कलाकृति को महत्वपूर्ण नुकसान नहीं हुआ है। मंत्री ने कहा कि जल्द ही संग्रहालय की आवश्यक बहाली सुनिश्चित कर ली जाएगी। संग्रहालय ने प्रदर्शनकारियों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है। कार्यकर्ताओं ने विरोध का लाइव वीडियो ऑनलाइन पोस्ट किया, जिसमें कांगो में जन्मे मवाज़ुलु दिव्यांज़ा सूची में पूर्व फ्रांसीसी या अफ्रीका में बेल्जियम के उपनिवेशों के संग्रहालय में काम करते हैं।
जॉर्ज फ्लॉयड की पुलिस हिरासत में मौत
अमेरिका में इस समय अश्वेत जॉर्ज फ्लॉयड (George Floyd) की पुलिस हिरासत में मौत की वजह से भयंकर तरीके से बवाल मचा हुआ है। जॉर्ज की मौत के बाद पूरे अमेरिका में हिंसक विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं, जिसमें कम से कम पांच लोगों की मौत हो गई और चार हजार अधिक लोगों की गिरफ्तारी हुई है और अरबों डॉलर की संपत्ति को नुकसान पहुंचा है। यहां तक कि व्हाइट हाउस के बाहर भारी विरोध प्रदर्शन के कारण राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को बंकर में जाना पड़ा। जॉर्ज फ्लॉयड अमेरिका में न्याय और बराबरी मांग के प्रतीक बन गए हैं। गौरतलब है कि 25 मई को अश्वेत जॉर्ज फ्लॉयड को जब पुलिस ने पकड़ा, तो उन्होंने कहा कि उन्हें सांस लेने में परेशानी हो रही थी। पुलिस हिरासत में उनकी मौत हो गई। बाद में यह वीडियो पूरे अमेरिका में सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। इसके बाद पूरे अमेरिका में हिंसक प्रदर्शनों का दौर शुरू हो गया।