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म्यांमार में लोकतंत्र समर्थकों ने जुटाए 47 करोड़ रुपये, सैन्य शासन के खिलाफ विद्रोह के लिए होगा इस्तेमाल

बांड के माध्यम से एक अरब अमेरिकी डालर जुटाने का लक्ष्य है। इन बांडों का इस्तेमाल सैन्य जुंटा के खिलाफ विद्रोह करने के लिए किया जाएगा जिसने म्यांमार में लोकतांत्रिक सरकार को सत्ता से बेदखल कर दिया था।

By Manish PandeyEdited By: Published: Sun, 28 Nov 2021 09:02 AM (IST)Updated: Sun, 28 Nov 2021 09:02 AM (IST)
म्यांमार में लोकतंत्र समर्थकों ने जुटाए 47 करोड़ रुपये, सैन्य शासन के खिलाफ विद्रोह के लिए होगा इस्तेमाल
म्यांमार में लोकतंत्र समर्थकों ने सैन्य शासन को गिराने के लिए जुटाए 47 करोड़ रुपये

नेपीडा (म्यांमार), एएनआइ। म्यांमार में लोकतंत्र समर्थक ताकतों के गठबंधन ने कहा कि उन्होंने सैन्य तानाशाहों सत्ता से हटाने के लिए पेश किए गए बांड की बिक्री के पहले दिन 6.3 मिलियन अमरीकी डालर (37 करोड़ रुपये) जुटाए हैं। इससे पहले लोकतंत्र समर्थक समूहों के गठबंधन राष्ट्रीय एकता सरकार (एनयूजी) ने विदेशों में रह रहे म्यांमार के नागरिकों के लिए यह बांड जारी किया था।

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इसमें कहा गया है कि बांड सोमवार को मुख्य रूप से विदेशों में म्यांमार के नागरिकों के लिए 100 अमरीकी डालर, 500 अमरीकी डालर, 1,000 अमरीकी डालर और 5,000 अमरीकी डालर के मूल्यवर्ग में बिक्री के लिए लाया गया है, जो दो वर्ष के लिए होगा।

इस तथ्य के बावजूद कि बांड खरीदारों को इससे कोई लाभ नहीं मिलेगा, एनयूजी ने बिक्री के पहले तीन घंटों में ही 3 मिलियन (30 लाख) अमरीकी डालर जुटाए, जो दिन के अंत तक बढ़कर 6.3 मिलियन (63 लाख) अमरीकी डालर हो गया। स्वतंत्र समाचार पत्र बोर्नियो बुलेटिन ने एनयूजी के प्रवक्ता सासा के हवाले से कहा, 'इससे मैं फासीवादी सेना को उखाड़ फेंकने में लोगों का उत्साह देख रहा हूं।'

बताया जा रहा है कि बांड के माध्यम से एक अरब अमेरिकी डालर जुटाने का लक्ष्य है। इन बांडों का इस्तेमाल सैन्य जुंटा के खिलाफ विद्रोह करने के लिए किया जाएगा, जिसने म्यांमार में लोकतांत्रिक सरकार को सत्ता से बेदखल कर दिया था। म्यांमार की सेना के सत्ता में आने के बाद से देश में उथल-पुथल मची हुई है।

1 फरवरी को सीनियर जनरल मिंग आंग हलिंग के नेतृत्व में म्यांमार की सेना ने नागरिक सरकार को उखाड़ फेंका और एक साल के लिए आपातकाल की घोषणा की। तख्तापलट के बाद देश में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन शुरू हुए और घातक हिंसा का रूप ले लिया।

रेडियो फ्री एशिया की रिपोर्ट के अनुसार, म्यांमार में लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई सरकार को सेना द्वारा उखाड़ फेंकने के बाद से लगभग 1,300 नागरिक मारे गए हैं, जबकि 7,000 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया गया है। असिस्टेंस एसोसिएशन फार पालिटिकल प्रिजनर्स ने कहा कि भोजन की कमी और कोरोना वायरस महामारी के बीच 54 मिलियन (5.4 करोड़) लोगों के देश में सैकड़ों हजारों लोग आंतरिक रूप से विस्थापित हुए हैं।


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