पोप फ्रांसिस ने की डाक्टरों व नर्सो की सराहना, बताया अग्रिम पंक्ति का 'संत'
पोप ने कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों के इलाज में जी जान से जुटे डाक्टरों और नर्सो को अग्रिम पंक्ति का संत बताया है।
वेटिकन सिटी, रायटर। पोप फ्रांसिस ने कोरोना पीड़ितों के इलाज में जी जान से जुटे डाक्टरों, नर्सो और पादरियों की सराहना करते हुए उन्हें अग्रिम पंक्ति का 'संत' बताया है।
पवित्र गुरुवार को लगभग खाली सेंट पीटर्स बैसिलिका में पोप ने संबोधित करते हुए कहा कि इटली में कोरोना से 18 हजार लोगों की मौत हुई है जो दुनिया में किसी देश में सर्वाधिक है। कोरोना मरीजों की देखभाल करने में साठ पादरियों ने भी चपेट में आकर जान गवां दी। ऐसे में जो लोग अपनी जान जान जोखिम में डालकर मरीजों का इलाज कर रहे हैं वे संत हैं।
उल्लेखनीय है यीशु के लास्ट सपर (अंतिम भोज) की स्मृति में पवित्र गुरुवार को पोप यह संबोधन कर रहे थे। इस कार्यक्रम में मुश्किल से दो दर्जन लोग ही उपस्थित रहे। वैसे सामान्य तौर पर इस आयोजन में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ती है। कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए पोप ने बहुत ही सावधानी के साथ इस आयोजन में भाग लिया।
इससे पहले पोप ने उन सभी लोगों की निंदा की है जो कोरोना वायरस की महामारी को कमाई का जरिया बना रहे हैं। उन्होंने कहा कि उन सभी को आत्मीय बदलाव का अनुभव हो जो दूसरों की जरूरतों से मुनाफाखोरी करते हैं।
अपने संदेश में पोप फ्रांसिस ने कहा, हम में से हरेक में जूडस है जो दूसरों के प्रति निष्ठावान रहने और स्वार्थ के बीच का विकल्प प्रदान करता है। उन्होंने कहा, 'हम में से हरेक के पास धोखा देने, दूसरों को बेचने और अपने हितों को ही चुनने की क्षमता है। लेकिन, इनसे बचना चाहिए।' इटली के अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि संगठित अपराध गिरोह वायरस की वजह से लागू शटडाउन के बाद पैदा हुईं सामाजिक और आर्थिक कठिनाइयों का फायदा उठा रहे हैं।