पोप ने की बीमार दुनिया को स्वस्थ करने की प्रार्थना, कहा- एक-दूसरे की मदद करें
पोप फ्रांसिस ने शुक्रवार को कोरोना वायरस से त्रस्त मानवजाति को राहत देने की ईश्वर से प्रार्थना की।
वेटिकन सिटी, एपी। ईसाइयों के सबसे बड़े धर्मगुरु पोप फ्रांसिस ने शुक्रवार को कोरोना वायरस से त्रस्त मानवजाति को राहत देने की ईश्वर से प्रार्थना की। पोप ने यह प्रार्थना लगभग खाली पड़े सेंट पीटर्स स्क्वेयर के समक्ष की। कहा, हम सभी त्रस्त और अव्यवस्थित हैं। हम सब को एक-दूसरे की मदद करनी चाहिए और राहत पहुंचानी चाहिए।
सेंट पीटर्स बैसीलिका की सीढ़ियों पर कैनोपीनुमा आवरण के पीछे खड़े पोप ने यह प्रार्थना कराई। उन्होंने कहा कि हमें निराश नहीं होना है, उम्मीदों के लिए दिल-दिमाग खुले रखने हैं। परमपिता निश्चित रूप से सभी लोगों के शरीर स्वस्थ करेंगे और हृदय में राहत का भाव पैदा करेंगे।
पोप फ्रांसिस ने करीब घंटे भर के धार्मिक विधि-विधान के बाद यह प्रार्थना की। यह कुछ वैसी ही प्रार्थना थी जैसी कि क्रिसमस और ईस्टर पर की जाती है। सफेद रंग की पोशाक में आए पोप ने खुद ही सीढ़ियां चढ़ीं और प्रार्थना मंच पर पहुंचे। केवल आखिरी सीढ़ी चढ़ने के लिए उन्होंने अपने सहायक से सहारा लिया। अपनी घंटे भर की प्रार्थना में पोप ने कोरोना से पैदा संकट को इटली और बाकी की दुनिया के लिए अप्रत्याशित तूफानी कहर बताया।
पोप ने कहा, महसूस करना चाहिए कि हम सभी एक नाव पर सवार हैं। हम सभी त्रस्त और परेशानहाल हैं। ऐसे समय हमें एक-दूसरे की मदद और दिलासा की जरूरत है। यह जरूरत पूरी करते हुए हमें मुश्किल समय गुजारना है। महामारी से पहले लोगों की जिंदगी में भागमभाग मची हुई थी। लाभ के लिए लोग लालची बने हुए थे। युद्ध और अन्याय हो रहे थे। गरीबों का रोना और उनकी आवाज नहीं सुन रहे थे। इस सबके चलते दुनिया बीमार हो गई थी, उसे स्वस्थ होने की जरूरत है। पोप ने प्रार्थना का अंत ईश्वर से दुनिया को स्वस्थ बनाने की पुकार के साथ किया।
पोप को कोरोना संक्रमण नहीं
ईसाइयों के पवित्र देश वेटिकन ने बयान जारी कर स्पष्टीकरण दिया है कि पोप फ्रांसिस और उनके किसी निकट सहयोगी को कोरोना वायरस का संक्रमण नहीं हुआ है।