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पोप ने किया समानता वाला विश्व तैयार करने का आह्वान, कहा- जो जहां है; वहीं करे जरूरतमंद की मदद

ईसाई धर्म के सबसे बड़े धर्मगुरु ने कहा कुछ विचारधाराओं में सबको साथ लेकर चलने का विचार नहीं है। लेकिन ईसाई धर्म समाज में सबकी बराबरी का पक्षधर है।

By Dhyanendra SinghEdited By: Published: Sun, 19 Apr 2020 09:52 PM (IST)Updated: Sun, 19 Apr 2020 10:01 PM (IST)
पोप ने किया समानता वाला विश्व तैयार करने का आह्वान, कहा- जो जहां है; वहीं करे जरूरतमंद की मदद
पोप ने किया समानता वाला विश्व तैयार करने का आह्वान, कहा- जो जहां है; वहीं करे जरूरतमंद की मदद

रोम, एपी। पोप फ्रांसिस ने कोरोना वायरस जनित महामारी के दौर को परीक्षा की घड़ी बताते हुए भविष्य के लिए समानता वाला विश्व तैयार करने का आह्वान किया है। कहा है कि ईसाई धर्म के प्रवर्तकों को देखना है कि समाज का सबसे गरीब तबका इस संकट के दौर में कहीं पीछे न छूट जाए।

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ईसाई धर्म के सबसे बड़े धर्मगुरु ने कहा, कुछ विचारधाराओं में सबको साथ लेकर चलने का विचार नहीं है। लेकिन ईसाई धर्म समाज में सबकी बराबरी का पक्षधर है। पोप फ्रांसिस ने यह आह्वान रविवार को वेटिकन की धरती पर कुछ दूर तक चहलकदमी करते हुए किया। वह उस चर्च के नजदीक तक गए जहां पर परमपिता से दया की मांग करते हुए प्रार्थना की जा रही थी। कोरोना वायरस के प्रकोप के चलते पूरे इटली में लॉकडाउन है। कुछ चर्चो को बगैर श्रद्धालुओं के अपनी धार्मिक गतिविधियां जारी रखने की अनुमति दी गई है।

महामारी के लिए नहीं है किसी देश की कोई सीमा

पोप फ्रांसिस ने कहा, कोरोना वायरस के प्रकोप ने साबित कर दिया है कि महामारी के लिए किसी देश की कोई सीमा नहीं है, उसके लिए जाति-धर्म और राष्ट्रीयता का भी भेद नहीं है। हम सभी बराबर है और सभी बहुमूल्य हैं। इसलिए आसपास वाले हर शख्स का ध्यान रखें, हर संभव तरीके से उसकी जरूरतों को पूरा करें। पूरी मानव जाति को एक समझें, जहां जो है और जो कर सकता है।

पूरी दुनिया में लाखों लोगों की कोरोना से हुई मौत

वहीं, दुनियाभर में कोरोना वायरस से मृतकों की संख्या 1.6 लाख से ज्यादा हो गई है। जबकि संक्रमण के मामले 23 लाख 50 हजार से ऊपर पहुंच गए हैं। महामारी से सबसे ज्यादा प्रभावित यूरोप महाद्वीप में मृतकों की संख्या एक लाख के आंकड़े को पार कर गई है। सर्वाधिक प्रभावित देशों में अमेरिका, इटली, स्पेन, फ्रांस और ब्रिटेन हैं। अमेरिका को छोड़ दें तो बाकी चारों देश यूरोप का हिस्सा हैं।


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