वेटिकन सिटी, एपी। ईसाई समुदाय के धर्मगुरु पोप फ्रांसिस अक्टूबर में मध्य इटली के शहर असीसी जाएंगे। कोविड-19 महामारी के दौर में वेटिकन से बाहर उनकी यह पहली यात्रा होगी। वेटिकन से सटा इटली यूरोप का पहला देश था जिस पर महामारी का कहर टूटा था। वहां पर मार्च से आवागमन पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। वेटिकन के प्रवक्ता के अनुसार स्वास्थ्य कारणों से पोप असीसी में किसी धार्मिक आयोजन में हिस्सा नहीं लेंगे।
ईसाई धर्म में असीसी को पवित्र शहर माना जाता है, यहां पर पोप की यह निजी यात्रा होगी। कोविड का प्रकोप शुरू होने से पहले पोप फ्रांसिस ने फरवरी में इटली के शहर बारी की यात्रा की थी। इसके कुछ हफ्ते बाद इटली में लॉकडाउन शुरू हो गया था। अब जबकि इटली में लॉकडाउन खत्म हो चुका है और गतिविधियां सामान्य हो चुकी हैं तब पोप वेटिकन से बाहर निकलेंगे। 2020 में पोप फ्रांसिस ने अभी तक एक भी विदेश यात्रा नहीं की है। दुनिया के बड़े हिस्से में अभी अंतरराष्ट्रीय आवागमन बंद है। इसलिए अगर पोप इस पूरे साल विदेश यात्रा नहीं करते हैं तो दशकों के बाद यह पहला मौका होगा जब कोई धर्मगुरु पूरे साल प्रवास पर विदेश नहीं गए होंगे।
कोरोना वैक्सीन में अमीरों को वरीयता देकर गरीबों को पीछे न छोड़ा जाए
कोरोना वायरस से बचाव की वैक्सीन की उपलब्धता में किसी तरह का भेदभाव न बरता जाए। इसमें अमीरों को वरीयता देकर गरीबों को पीछे न छोड़ा जाए। यह बात ईसाइयों के सबसे बड़े धर्मगुरु पोप फ्रांसिस ने कही है। वह श्रद्धालुओं की साप्ताहिक सभा को संबोधित कर रहे थे।
पोप ने कहा, कोविड-19 महामारी एक त्रासदी है। इससे तभी छुटकारा पाया जा सकता है जब बिना भेदभाव के प्रयास किए जाएंगे। इसके लिए हमें स्वस्थ और अच्छे तौर-तरीके अपनाने होंगे। महामारी फैलने के बाद पोप ने कहा था कि हम तब तक सामान्य स्थितियों में नहीं आ सकते-जब तक सही मायनों में सामाजिक न्याय और पर्यावरण को नुकसान पहुंचाना बंद नहीं होता।
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