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पापुआ न्यू गिनी की संसद में सैनिकों और पुलिस कर्मियों ने की तोड़फोड़, जानिेए क्या है कारण

एपेक शिखर सम्मेलन पर पीएनजी सरकार की ओर से किए गए भारी भरकम खर्च को लेकर स्थानीय लोगों में गुस्सा है।

By Ravindra Pratap SingEdited By: Published: Tue, 20 Nov 2018 04:36 PM (IST)Updated: Tue, 20 Nov 2018 04:56 PM (IST)
पापुआ न्यू गिनी की संसद में सैनिकों और पुलिस कर्मियों ने की तोड़फोड़, जानिेए क्या है कारण
पापुआ न्यू गिनी की संसद में सैनिकों और पुलिस कर्मियों ने की तोड़फोड़, जानिेए क्या है कारण

पोर्ट मोरेस्बी, प्रेट्र/रायटर। प्रशांत महासागर क्षेत्र में स्थित द्वीपीय देश पापुआ न्यू गिनी (पीएनजी) में संपन्न हुए एपेक शिखर सम्मेलन के बकाये को लेकर मंगलवार को पुलिस कर्मियों और सेना के जवानों का गुस्सा फूट पड़ा। बकाये की मांग को लेकर वे संसद में घुस गए और खिड़कियां व फर्नीचर तोड़ डाले।

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राजधानी पोर्ट मोरेस्बी में रविवार को संपन्न हुए एशिया-प्रशांत आर्थिक सहयोग (एपेक) सम्मेलन में चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग समेत कई देशों के राष्ट्राध्यक्षों ने शिरकत की थी। पीएनजी पुलिस के प्रवक्ता डोमिनिक काकस का कहना है कि सैनिकों और पुलिस कर्मियों के इस उत्पात में किसी के घायल होने की खबर नहीं है। संसद में विपक्ष के नेता एलन बर्ड ने कहा, 'वे संसद में घुस गए और सबकुछ तोड़-फोड़ डाला। वे भ्रष्ट सरकार से अपना बकाया मांग रहे हैं।'

एक अन्य सांसद ब्रायन क्रेमर ने फेसबुक पर इस हमले के कुछ फुटेज पोस्ट किए। इनमें टूटे गमले, कांच के टुकड़े और जमीन पर पड़े फोटो फ्रेम दिख रहे हैं। एक चश्मदीद ने बताया कि सैकड़ों पुलिस कर्मियों और सैनिकों ने संसद के आसपास की सड़कों को भी जाम कर दिया। एपेक सम्मेलन में तैनाती के लिए प्रत्येक सुरक्षाकर्मी को विशेष भत्ते के तौर पर 104 डॉलर (करीब 7,400 रुपये) दिए जाने थे।

एपेक पर भारी खर्च से आक्रोश
एपेक शिखर सम्मेलन पर पीएनजी सरकार की ओर से किए गए भारी भरकम खर्च को लेकर स्थानीय लोगों में गुस्सा है। 80 लाख की आबादी वाला यह देश इस समय मलेरिया और पोलिया से जूझ रहा है। उसे शिक्षकों का वेतन देने में भी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। पीएनजी एपेक का सबसे गरीब सदस्य देश है।


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