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पंजशीर नेता अहमद मसूद ने पाकिस्‍तान को सुनाई खरी-खरी, कहा- तालिबान से खून की आखिरी बूंद तक लड़ेंगे

पंजशीर घाटी में तालिबान के साथ जंग लड़ रहे नेशनल रेजिस्टेंस फ्रंट के नेता अहमद मसूद ने सोमवार को अपने फेसबुक अकाउंट पर एक आडियो मैसेज जारी किया है। अपने इस आडियो मैसेज में उन्‍होंने पाकिस्‍तान को खूब खरी-खरी सुनाई है।

By Ramesh MishraEdited By: Published: Tue, 07 Sep 2021 12:38 PM (IST)Updated: Tue, 07 Sep 2021 02:34 PM (IST)
पंजशीर नेता अहमद मसूद ने पाकिस्‍तान को सुनाई खरी-खरी, कहा- तालिबान से खून की आखिरी बूंद तक लड़ेंगे
पंजशीर नेता अहमद मसूद ने पाकिस्‍तान को सुनाई खरी-खरी। (फाइल फोटो।

काबुल, एजेंसी। Ahmad Massoud Audio Message: पंजशीर घाटी में तालिबान के साथ जंग लड़ रहे नेशनल रेजिस्टेंस फ्रंट के नेता अहमद मसूद ने सोमवार को अपने फेसबुक अकाउंट पर एक आडियो मैसेज जारी किया है। अपने इस आडियो मैसेज में उन्‍होंने पाकिस्‍तान को खूब खरी-खरी सुनाई है। मसूद ने कहा है कि उनके लड़ाके अब भी पंजशीर में जंग लड़ रहे हैं। इस मैसेज में मसूद ने कहा है कि वह अपने खून की आखिरी बूंद तक तालिबान से जंग लड़ते रहेंगे। उन्‍होंने कहा हमारा संगठन तालिबान के साथ जंग जारी रखेगा। उन्‍होंने कहा कि देश के लोगों और अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लोगों को तालिबान से लड़ने के लिए एक साथ आना चाहिए। उन्‍होंने अंतरराष्‍ट्रीय बिरादरी से सहयोग की अपील की है।

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तालिबान की मदद में खुलकर आया पाकिस्‍तान

इस आडियो में पंजशीर नेता ने कहा कि पाकिस्‍तान अब खुलकर तालिबान की मदद कर रहा है। उन्‍होंने आगे कहा कि उनके परिवार के सदस्यों और सहयोगी फहीम दश्ती को मारने के लिए पाक ने तालिबान की मदद की है। मसूद ने कहा है कि दुनिया के सभी मुल्‍क पाकिस्तान की इस करतूत के बारे में जानते हैं, लेकिन फिर भी चुप हैं। उन्‍होंने कहा कि पाकिस्तान पंजशीर में सीधे अफगानों पर हमला कर रहा है और अंतरराष्ट्रीय समुदाय शांति से ये सब देख रहा है। तालिबानी लड़ाके पाकिस्तान की मदद से हमले कर रहे हैं। 

पंजशीर लड़ाके अजेय हैं, कोई नहीं कर सकता कब्‍जा

उन्‍होंने कहा कि अफगानिस्‍तान में पंजशीर घाटी पर किसी का प्रभुत्‍व नहीं है। मसूद ने कहा इस घाटी पर आज तक कोई कब्‍जा नहीं कर सका। तालिबान अपने प‍िछले कार्यकाल में भी यहां नियंत्रण हासिल नहीं कर सका था। उन्‍होंने कहा कि पिछले महीने काबुल पर कब्‍जे के बाद तालिबान इस घाटी तक नहीं पहुंच सके। बता दें कि 1980 के दशक में पूर्व सोवियत संघ के हमले के समय और फिर 1990 के दशक में तालिबानी शासन के समय अहमद शाह मसूद ने इस प्रांत को एक ऐसे किले में तब्दील कर दिया था, जिसे कोई भेद नहीं सका। इसके बाद ही पंजशीर लड़ाकों को ‘पंजशीर का शेर’ कहा जाता है। अमेरिका पर 9/11 हमला करने से दो दिन पहले अल-कायदा ने उनकी हत्या कर दी थी। अहमद मसूद उनके बेटे हैं।

पहले से अधिक ताकतवार हुआ तालिबान

उन्‍होंने कहा कि इसमें कोई शक नहीं कि तालिबान पहले से ज्‍यादा आक्रामक और शक्तिशाली हो गया है। वह पूरी तरह से बदल गया है। मसूद ने संयुक्‍त राष्‍ट्र पर तालिबान के साथ वार्ता करके गलत फैसले लेने का आरोप लगाया है। इसके पूर्व तालिबान ने दावा किया था कि उसने पंजशीर के उत्‍तरी इलाके पर कब्‍जा कर लिया है। तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्ला मुजाहिद ने ट्विटर पर लिखा था कि पंजशीर प्रांत, भाड़े के दुश्मन का आखिरी गढ़, पूरी तरह से जीत लिया गया है। हालांकि, उनके इस बयान के बाद फ्रंट की ओर से एक बयान जारी कर तालिबान के इस दावे का खंडन किया गया था।

तालिबान के आगे हथियार नहीं डालेंगे और अंतिम समय तक जंग लड़ेंगे

गौरतलब है कि तालिबान ने इस पंजशीर घाटी की लड़ाई के शुरुआती दौर में ही अहमद मसूद के सामने हथियार डालने और बातचीत करने का प्रस्‍ताव दिया था। तालिबान की तरफ से यहां तक कहा गया था कि वो अपनी भावी सरकार में उन्‍हें बड़ा पद देने तक को तैयार हैं, लेकिन रेजिस्टेंस फ्रंट ने हथियार डालने से साफ इनकार कर दिया था। अमरुल्लाह सालेह और अहमद मसूद ने साफ किया है कि वो किसी भी सूरत में तालिबान के आगे हथियार नहीं डालेंगे और अंतिम समय तक जंग लड़ेंगे।


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