यूरोप के आतंकी हमलों में हो सकता है पाकिस्तान का हाथ, ईयू सांसदों ने उठाई जांच की मांग
पाकिस्तान के कैबिनेट मंत्री की स्वीकारोक्ति से उजागर हो गया है कि यह देश पूरे विश्व में आतंक फैलाने वाले संगठनों को आश्रय दे रहा है। अब समय आ गया है कि आतंकी कार्रवाइयों के संबंध में पाक के खिलाफ कोई ठोस निर्णय लिया जाए।
ब्रसेल्स, एजेंसी। पुलवामा आतंकी हमले में पाकिस्तानी मंत्री के कबूलनामे के बाद यूरोपियन संसद (EU) के सदस्यों ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा है कि पुलवामा के साथ ही यूरोप में हुए सभी आतंकी हमलों में पाकिस्तान के संबंधों की जांच की जानी चाहिए। चार यूरोपियन सांसद थेरी मेरियानी, जूली लेचांटेक्स, वर्जिनी जोरोन और फ्रांस जेमेट ने यूरोपियन कमीशन के अध्यक्ष को कड़ी भाषा में पत्र लिखा है।
पत्र में मांग की गई है कि पुलवामा हमले के साथ यूरोप में अब तक हुई आतंकी घटनाओं में यह जांच की जानी चाहिए कि पाकिस्तान का कितना हाथ है। भारत में 14 फरवरी 2019 को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में बम विस्फोट कर चालीस सीआरपीएफ जवानों की हत्या की थी। इस हत्या की जिम्मेदारी जैश-ए-मुहम्मद ने ली थी। अब इस घटना के संबंध में पाकिस्तान के कैबिनेट मंत्री फवाद चौधरी ने पाकिस्तानी संसद में हमले को अपनी सरकार की उपलब्धि बताया है।
पाकिस्तान के कैबिनेट मंत्री की स्वीकारोक्ति से उजागर हो गया है कि यह देश पूरे विश्व में आतंक फैलाने वाले संगठनों को आश्रय दे रहा है। अब समय आ गया है कि आतंकी कार्रवाइयों के संबंध में पाक के खिलाफ कोई ठोस निर्णय लिया जाए।
पाकिस्तान ही वह देश है जो आतंकवाद को पालता है : भारत
वहीं, पिछले दिनों भारत व अमेरिका के बीच हुई टू प्लस टू वार्ता में पाकिस्तान से सख्त लहजे में कहा गया था कि वह आतंकवाद को बढ़ावा देने और प्रश्रय देने की नीति को जल्द से जल्द छोड़े और भारत में मुंबई हमले व पुलवामा हमले के दोषियों को जल्द से जल्द सजा दिलाने के लिए कदम उठाये। इस पर पाकिस्तान सरकार ने सख्त ऐतराज जताया था। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा था कि पूरी दुनिया इस हकीकत को जानती है कि पाकिस्तान ही वह देश है जो आतंकवाद का पोषण करता है। संयुक्त राष्ट्र की तरफ से नामित सबसे ज्यादा आतंकी पाकिस्तान में ही रहते हैं। वह कितना भी इनकार करे लेकिन आतंकवाद से उसके संबंधों को झुठलाया नहीं जा सकता।