दो भारतीय नागरिकों को आतंकी घोषित करना चाहता था पाक, UNSC में रहा नाकाम
दो भारतीय नागरिकों को आतंकी घोषित करने का पाकिस्तान का प्रयास संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में असफल हो गया।
न्यूयार्क, एएनआइ। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में एक बार फिर भारत के खिलाफ पाकिस्तान की कोशिश असफल हो गई। यह जानकारी संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी दूत टीएस तिरुमूर्ति ने बुधवार को दी। दरअसल पाकिस्तान दो भारतीय नागरिकों अंगारा अप्पाजी और गोबिंद पटनायक को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से वैश्विक आतंकी की लिस्ट में शामिल करने की कोशिश में था लेकिन यहां उसकी एक न चली और भारत के खिलाफ पाकिस्तान की एक और चाल नाकाम हो गई। पाकिस्तान द्वारा संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की 1267 कमिटी के जरिए इन दोनों को आतंकी घोषित करार करने की योजना थी। संयुक्त राष्ट्र की 1267 कमिटी ने कुछ महीने पहले जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर को भी वैश्विक आतंकी घोषित किया था।
Pakistan’s blatant attempt to politicize 1267 special procedure on terrorism by giving it a religious colour, has been thwarted by UN Security Council. We thank all those Council members who have blocked Pakistan’s designs. @MEAIndia @DrSJaishankar @PMOIndia @harshvshringla
— PR UN Tirumurti (@ambtstirumurti) September 2, 2020
अंगारा पर इन आतंकी हमलों का पाक ने लगाया आरोप
अंगारा अप्पाजी काबुल के बैंक में सॉफ्टवेयर डेवलपर के तौर पर काम कर रहे थे। पाकिस्तान ने अंगारा पर 13 फरवरी 2017 को लाहौर स्थित माल रोड के एक मॉल पर आतंकी हमले का आरोप लगाया है। 1267 कमिटी के समक्ष पेश किए गए डोजियर में अंगारा पर पेशावर के आर्मी स्कूल पर हमले का दोषी बताया गया है।
सबूत पेश करने में असफल पाक
अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी और बेल्जियम द्वारा नेतृत्व किए जाने वाले UNSC ने फैसला किया कि पाकिस्तान की इस कोशिश को ब्लॉक कर दिया जाए क्योंकि अपने आरोपों से संबंधित सबूत पेश करने में इस्लामाबाद असफल रहा। इससे पहले पाकिस्तान की इस कोशिश को अमेरिका ने रोक दिया था। इससे पहले पिछले साल पाकिस्तान ने चार भारतीय नागरिकों को संयुक्त राष्ट्र की 1267 कमिटी से आतंकी घोषित कराने का प्रस्ताव किया था लेकिन सबूत पेश करने में असफल रहा। ये चार भारतीय नागरिक थे- वेणुमाधव डोंगरा, अजय मिस्त्री, गोबिंद पटनायक और अंगारा अप्पाजी।संयुक्त राष्ट्र की मंच पर पाकिस्तान के इस कदम को चीन का सहयोग मिला था।