ब्लैकलिस्ट हो सकता है पाकिस्तान, FATF की बैठक के लिए पेरिस पहुंचा पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल
आर्थिक मामलों के मंत्री हम्माद अजहर की अध्यक्षता में एक पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल एफएटीएफ के दो दिवसीय सत्र में भाग लेने के लिए पेरिस पहुंच गया है।
पेरिस, आइएएनएस। वित्तीय कार्रवाई कार्य बल (FATF) के दो दिवसीय सत्र आज से शुरू हो रहा है, ऐसे में पाकिस्तान के लिए अगले कुछ दिन काफी तनाव भरे होने वाले हैं। पाकिस्तान द्वारा टेरर फंडिंग और मनी-लॉन्ड्रिंग के अपराधों में शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई का मूल्यांकन होगा। अगर उसके कदम इसे रोकने में प्रभावी नहीं लगे तो वो ब्लैकलिस्ट हो सकता है।
आर्थिक मामलों के मंत्री हम्माद अजहर की अध्यक्षता में एक पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल एफएटीएफ के दो दिवसीय सत्र में भाग लेने के लिए पेरिस पहुंच गया है। बता दें कि एफएटीएफ ने उसे जून 2018 में ग्रे लिस्ट में डाल दिया था। इसके बाद उसे एक साल में 27 बिंदुओं पर कार्रवाई की योजना में अमल लाने का निर्देश दिया गया था। सूत्रों के अनुसार, एफएटीएफ की बैठक में अप्रैल 2019 तक पाकिस्तान द्वारा उठाए गए कदमों को लेकर एक रिपोर्ट पर चर्चा होगी।
जून 2018 से पाकिस्तान ग्रे सूची में
एफएटीएफ की समीक्षा ने जून 2018 में पाकिस्तान को ग्रे सूची में रखा था और ग्रे सूची से बाहर आने के लिए अनुपालन के लिए सितंबर 2019 तक 27 कार्य योजनाएं दी थीं। पेरिस में एफएटीएफ की बैठक की यह आगामी समीक्षा अब तीन संभावनाओं के साथ देश के भाग्य का फैसला करेगी।
क्या है संभावना
पहली संभावना यह है कि अगर पाकिस्तान कार्रवाई प्रभावी लगती है तो इसे ग्रे से निकालकर ग्रीन लिस्ट में डाल दिया जाएगा। दूसरी संभावना यह है कि उसकी कार्रवाई प्रभावी न लगे और उसे ग्रे लिस्ट में ही रखा जाए और 12 महीने का और समय मिले। तीसरी संभावना यह है कि उसे ब्लैकलिस्ट कर दिया जाए। यह सबसे खराब स्थिति होगी।
पाकिस्तान का दावा और सच्चाई
सूत्रों के अनुसार पाकिस्तान का दावा है कि उसने अधिकांश मानकों को पूरा किया है। वित्त और राजस्व पर प्रधानमंत्री इमरान खान के सलाहकार अब्दुल हफीज शेख के अनुसार पाकिस्तान ने 20 मानकों को पूरा किया है। हालांकि, पाकिस्तान का यह दावा कितना सच है इसका अंदाजा एफएटीएफ की इकाई एशिया पैसिफिक ग्रुप (एपीजी) के कार्रवाई से अंदाजा लगाया जा सकता है। एपीजी ने 23 अगस्त को कहा था कि पाकिस्तान टेरर फंडिंग रोकने में विफल रहा है। पाकिस्तान इस दौरान 40 में से 32 मानकों को पूरा नहीं कर सका था। इस दौरान एपीजी ने उसे न्हांस्ड फॉलोअप सूची में डाल दिया था।
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